राजनीति में बयानबाजी चलती रहती है. लेकिन कई बार यह इतनी आगे तक चली जाती है कि सारी सीमाएं एक पल में लांग दी जाती है. जैसा ही कुछ हुआ राहुल गांधी के साथ जब सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को ‘इमरान खान का चीयर लीडर’ तक कह दिया.

गिरिराज सिंह ने यह बयान राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई एक टिप्पणी के खिलाफ दिया है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मामले में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मध्यस्थता के आग्रह वाले बयान पर राहुल गांधी ने पीएम से जवाब मांगा था.

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अगर ट्रंप का दावा सही है तो प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के हितों के साथ धोखा किया है. ट्रंप के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर के मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा था. अगर यह सच है तो मोदी ने भारत के हितों और 1972 के शिमला समझौते के साथ विश्‍वासघात किया है. इस पर एक कमजोर विदेश मंत्रालय का खंडन नाकाफी है. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ट्रंप और उनके बीच की बैठक में आखिर क्या बात हुई थी.’

इस पर पलटवार करते हुए गिरिराज सिंह ने लिखा, ‘राहुल गांधी तो इमरान खान के चीयरलीडर की तरह बर्ताव करते हैं. इमरान खान अपनी औकात नहीं जानते. वे रेफरेंडम और कश्मीर का राग छोड़कर पाक अधिकृत कश्‍मीर को हिंदुस्तान को सौंपने की तैयारी करें क्योंकि ये मोदी की सरकार है, नेहरु की नहीं.’

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बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर कहा, ‘मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ था और हमने इस कश्मीर मसले पर बात की थी. मोदी ने कहा — क्या आप मध्यस्थता या मध्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने कहा कहां… तो मोदी ने कहा कि कश्मीर….’ ट्रंप ने आगे यह भी कहा, ‘मुझे हैरानी है कि यह मसला काफी लंबे समय से चल रहा है. यदि मैं कोई मदद कर सकता हूं तो मैं मध्यस्थ होना पसंद करूंगा. अगर मैं मदद करने के लिए कुछ कर सकता हूं तो मुझे बताएं.’ हालांकि इस बयान के बाद

ट्रंप का बयान मीडिया में आने के बाद विदेश मंत्रालय ने सफाई दी थी. मोदी सरकार ने ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज कर दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सदन में इस बात को गलत ठहराया लेकिन खबर लिखे जाने तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कोई बयान नहीं आया.

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