राहुल गांधी की विपक्ष के नेताओं को घाटी का दौरा करने की इजाजत वाली मांग को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने खारिज कर दिया है. जम्मू-कश्मीर राजभवन ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि विपक्षी पार्टी के नेताओं के दौरे से घाटी में समस्याएं और बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

राहुल गांधी ने लिखा, हमें विमान की आवश्यकता नहीं है लेकिन यह सुनिश्चित करें कि हमें वहां के लोग, नेताओं और सैनिकों से मिलने दिया जाएगा। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कश्मीर में हिंसा की खबर होने संबंधी टिप्पणी के बारे में कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को घाटी का दौरा कराने और जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए वह विमान भेजेंगे।

दरअसल, जम्मू कश्मीर के हालातों पर राहुल गांधी और गर्वनर सत्यपाल मलिक के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. सत्यपाल मलिक के एक बयान का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया की, ‘प्रिय राज्यपाल मलिक, आपके विनम्र निमंत्रण पर मैं विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर जम्मू कश्मीर व लद्दाख की यात्रा पर जाऊंगा, उसके लिए हमें विमान की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कृपया हमे वहां रह रहे लोगों, नेताओ और हमारे सैनिकों से मिलने और घूमने की आजादी दे दें.’

इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी ने जम्मूकश्मीर के हालातों पर चिंता करते हुए कहा था, ‘जम्मू कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आयी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए. मैं सरकार से जम्मू-कश्मीर में प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने और गोपनीयता के पर्दा उठाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करता हूं.’

इस पर राहुल गांधी को जवाब देते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मैं आपको यहां आने के लिए न्यौता देता हूं. मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए. आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है. हालांकि ताजा जारी बयान में राहुल गांधी के कश्मीर दौरे की इजाजत न देकर मलिक ने शांतिपूर्ण माहौल पर ध्यान केंद्रित रखने का मन बनाया है.

मंगलवार को जम्मू कश्मीर राजभवन से एक बयान जारी हुआ है. इसमें राहुल गांधी से कश्मीर मुद्दे पर राजनीति न करने को कहा गया है. साथ ही उसमें ये भी कहा है कि प्रतिनिधिमंडल और विपक्षी पार्टी के नेताओं के दौरे से समस्याएं और बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा. एक तरीके से देखा जाए तो राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर न आने के लिए सीधे तौर पर कहा जा रहा है.

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