कांग्रेस में लोकसभा के टिकट वितरण के बाद अब बगावत के सुर उठने लगे हैं. करौली-धौलपुर सीट से जाटव समाज का प्रत्याशी घोषित करने पर बैरवा समाज नाराज हो गया है. बैरवा समाज ने इसको लेकर बसेड़ी विधायक खिलाड़ी बैरवा के नेतृत्व में सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की और प्रत्याशी बदलने की मांग की. विधायक ने मांग न माने जाने पर इस्तीफा की चेतावनी दी है.
विधायक खिलाड़ी बैरवा ने दो टूक लहजे में कहा कि करौली-धौलपुर सीट पर दो लाख से ज्यादा बैरवा समाज के वोट हैं. अगर पार्टी द्वारा प्रत्याशी नहीं बदला गया तो प्रदेश की तकरीबन 14 लोकसभा सीटों पर नतीजे कांग्रेस के खिलाफ आ सकते हैं. खिलाड़ी ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक खत भी लिखा है. ऐसे में कांग्रेस करौली-धौलपुर सीट पर प्रत्याशी बदलने पर विचार कर रही है.
आपको बता दें कि कांग्रेस ने पिछली कराैली-धौलपुर से लक्खीराम बैरवा को प्रत्याशी बनाया था. देश में मोदी लहर बहने के बावजूद लक्खीराम बहुत कम वोट अंतर से चुनाव हारे थे. ऐसे में इस बार भी लक्खीराम को टिकट मिलने की पूरी संभावना थी. जानकारी के अनुसार जिला प्रभारी विश्वेंद्र सिंह ने खुद लक्खीराम को टिकट देने की पैरवी की थी, लेकिन दोनों जिले के प्रद्युमन सिंह, गिरिराज मलिंगा और रमेश मीणा जैसे वरिष्ठ नेता उनके पक्ष में नहीं थे.
सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने मलिंगा और मीणा की जिद के आगे झुकते हुए संजय कुमार जाटव को टिकट दे दिया. गौरतलब है कि भरतपुर सीट पर भी कांग्रेस ने जाटव समाज के नेता पर दांव खेला है. यहां से अभिजीत जाटव को टिकट मिला है. जानकारों के मुतााबिक दोनों सीटों पर जाटव को मौका देना कांग्रेस की बड़ी रणनीतिक चूक हो सकती है.
जातिगत समीकरण बने मुसीबत
इससे पहले प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस द्वारा घोषित 19 उम्मीदवारों की सूची में एक भी ब्राह्मण और गुर्जर समाज के नेता को टिकट नहीं मिला. इससे दोनों समाज में काफी नाराजगी है. चुनावी माहौल में पार्टी किसी भी समाज को नाराज नहीं करना चाहेगी. ऐसे में कांग्रेस ने शेष 6 सीटों पर ब्राह्मण और गुर्जर समाज के नेता को टिकट देना तय कर लिया है.
समय रहते कांग्रेस को बिगड़े जातिगत समीकऱणों की भनक भी लग चुकी है. लिहाजा समय रहते कांग्रेस अब मजबूत जातिगत समीकरणों की किलेबंदी में जुट गई है. सूत्रो के मुताबिक राजसमंद से गुर्जर और भीलवाड़ा से ब्राह्मण नेता को टिकट दिया जाना तय माना जा रहा है. आगामी समय में पार्टी की ओर से इस तरह के कुछ और फैसले देखे जा सकते हैं.