Politalks.News/Bharat. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. रविवार को भी वही हुआ, विजयदशमी पर संघ प्रमुख क्या बोलेंगे जैसे राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी इंतजार में ही थे. बता दें कि दशहरा पर्व पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन का देश को इंतजार रहता है. भागवत ने अपने संबोधन में कई बातों का जिक्र किया. एक तरफ उन्होंने चीन पर निशाना साधा दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीठ भी थपथपाई. चीन और नागरिकता संशोधन कानून पर मोहन भागवत के दिए गए बयान पर राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए.
संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने विजयादशमी उत्सव के मौके पर कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भी संसद की पूरी प्रक्रिया के बाद पास हुआ, तो इस कानून का विरोध करने वाले भी थे. राजनीति में तो ऐसा चलता ही है. ऐसा वातावरण बनाया कि देश में मुसलमानों की संख्या न बढ़े, इसलिए नियम लाया गया है, जिसके बाद धरना-प्रदर्शन आदि होने लगे. इस पर एआईएमआई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसा. रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर स्थित मुख्यालय में शस्त्र पूजा की. इस मौके पर भागवत ने कहा कि राम मंदिर पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का असंदिग्ध निर्णय आया. यह एकमत से लिया हुआ निर्णय था, जिसे सारे देश के समाज ने उसे स्वीकार किया.
संघ प्रमुख मोहन भागवत हमें न भटकाएं, हम बच्चे नहीं हैं-
मोहन भागवत के नागरिकता संशोधन कानून वाले बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम बच्चे नहीं है कि हमें ‘भटका’ दे. ओवैसी नेे कहा भारतीय जनता पार्टी ने सीएए और एनआरसी का एक साथ क्या अर्थ है ये नहीं बताया. औवेसी ने आगे कहा कि अगर यह मुसलमानों के बारे में नहीं है, तो कानून से धर्म के सभी संदर्भों को हटा दें? ये बात जान लें कि जब तक कानून में हमें अपनी भारतीयता साबित करने की बात होगी तब तक हम इसका बार-बार विरोध करेंगे. आपको बताते हैं मोहन भागवत ने क्या कहा, आरएसएस के इस प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भी संसद की पूरी प्रक्रिया के बाद पास हुआ. पड़ोसी देशों में दो तीन देश ऐसे हैं, जहां सांप्रदायिक कारणों से उस देश के निवासियों को प्रताड़ित करने का इतिहास है. उन लोगों को जाने के लिए दूसरी जगह नहीं है, भारत ही आते हैं. विस्थापित और पीड़ित यहां पर जल्दी बस जाएं, इसलिए अधिनियम में कुछ संशोधन करने का प्रावधान था. जो भारत के नागरिक हैं, उनके लिए इसमें कुछ खतरा नहीं था.
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चीन को सिखाया सबक, कोई भी देश हमारी दोस्ती को कमजोरी न समझे– भागवत
वहीं चीन की हिमाक़तों पर टिप्पणी करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि चीन के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तन कर खड़ा हुआ है, जिससे पड़ोसी देश के हौसले पस्त हुए हैं. कोई भी देश हमारी दोस्ती को कमजोरी न समझे. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यह उनका साम्राज्यवादी स्वभाव है, सब जानते हैं. इस बार भारत ने जो प्रतिक्रिया दी, उसकी वजह से वह सहम गया. क्योंकि भारत तन कर खड़ा होगा. भारत की सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि चीन को सबक सिखाने में मोदी सरकार सफल रही है.
भागवत ने आगे कहा कि अब दूसरे देशों ने भी चीन को आंख दिखाना शुरू किया है, हम स्वभाव मित्रता करने वाला है. हम लड़ने वाले नहीं हैं, लेकिन हमारी मित्रता की प्रवृत्ति को दुर्बलता न समझें. संघ प्रमुख ने कहा कि चीन को पहली बार समझ आया कि हम इतने कमजोर नहीं हैं.भागवत की बात पर कांग्रेस नेता
सच का सामना करने से डरते हैं भागवत
वहीं संघ प्रमुख भागवत के बयान के इंतजार में बैठे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि भागवत सच जानते हैं, वह सिर्फ सच का सामना करने से डरते हैं. रविवार को भागवत के बयान पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा कि, “अंदर ही अंदर, मोहन भागवत सच जानते हैं. वह सिर्फ इसका सामना करने से डरते हैं. सच्चाई यह है कि चीन ने हमारी जमीन ली है तथा भारत सरकार और आरएसएस (RSS) ने इसकी अनुमति दी है.”