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करारी हार के बाद राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद राहुल गांधी को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस्तीफा वापस लेने की खूब समझाइश की, लेकिन राहुल ने तय कर लिया है कि वो अब अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे. नए अध्यक्ष के चयन तक केवल इस पद का कामकाज देखेंगे. दरअसल, राहुल के करीबियों का दावा है कि एक बार वो जो फैसला ले लेते हैं उस पर वो कायम रहते है. हालांकि बीच में कुछ शर्तों के साथ राहुल के अध्यक्ष पद पर बरकरार रहने की खबरें आई थी, लेकिन वो सिर्फ महज कयास ही साबित होती दिख रही है.

इस्तीफा देने के बाद राहुल ना तो फील्ड में सक्रिय है और ना ही सोशल मीडिया पर. राहुल ने साफ कह दिया है कि वो एक कार्यकर्ता की तरह अब पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करेंगे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को लोकसभा में संसदीय दल का नेता बनाया जा सकता है. ऐसे में फिर पार्टी में एक कार्यकारी अध्यक्ष मंडल का गठन किया जाएगा. जिसमें में एक कार्यकारी अध्यक्ष या फिर एक अंतरिम अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वहीं उनके सहयोगी के तौर पर दो कार्यकारी उपाध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं. इसके लिए केसी वेणुगोपाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अशोक चह्वाण, मिलिंद देवडा और मीरा कुमार जैसे नेताओं के नाम चल रहे है.

जून माह में हो सकता है इस्तीफा मंजूर
सूत्रों के मुताबिक 17 जून से संसद का सत्र शुरू हो जाएगा. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि 17 जून तक राहुल गांधी का विधिवत इस्तीफा मंजूर हो जाएगा. उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मंडल का गठन कर लेगी. क्योंकि सत्र से पहले कांग्रेस को संसदीय दल का नेता हर हाल में चुनना है. अगर राहुल गांधी नेता चुन लिए गए तो उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि राहुल गांधी वाकई में अध्यक्ष नहीं रहेंगे.

बताया जा रहा है कि अध्यक्ष मंडल के गठन की राय सोनिया और प्रियंका गांधी सहित कईं सीनियर लीडर्स ने राहुल को दी है. क्योंकि राहुल की एक जिद्द यह भी थी कि गैर गांधी परिवार के नेता को ही अध्यक्ष बनाना है, लेकिन दिग्गज नेताओं ने गांधी फैमिली का पार्टी पर कंट्रोल भी बना रहे और रोजमर्रा के कामकाज में ज्यादा दखल भी ना हो, इसके लिए एक नेता को अध्यक्ष नहीं बनाकर कईं नेताओं का अध्यक्ष मंडल बनाने की रणनीति अपनाई.

कौन नेता हो सकते है अध्यक्ष मंडल में शामिल?
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी फिलहाल अध्यक्ष मंडल में शामिल करने वाले नेताओं की तलाश में जुटे हुए हैं. बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया या केसी वेणुगोपाल को कार्यकारी या अंतरिम अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वेणुगोपाल साउथ से आते है इसलिए हिन्दी पट्टी राज्यों में उनकी भाषा की प्रोबल्म रहेगी. ऐसे में सिंधिया को यह जिम्मेदारी मिलने के ज्यादा आसार नजर आ रहे हैं. सिंधिया राहुल के भी बेहद खास है. यह कार्यकारी अध्यक्ष मंडल चुनावी रणनीति से लेकर पार्टी की अन्य गतिविधियों को अंजाम देगा. हालांकि सोनिया गांधी यूपीए अध्यक्ष बनी रहेंगी.

साफ है कि राहुल गांधी के इस्तीफा देते ही पार्टी में व्यापक स्तर पर फिर बदलाव होंगे. अध्यक्ष मंडल के गठन के बाद प्रदेशों में नए पीसीसी चीफ बनाने का सिलसिला भी शुरू होगा. साथ ही एआईसीसी की नई टीम का गठन होने की भी पूरी संभावना है. राहुल के इस्तीफे के बाद पार्टी के कईं वरिष्ठ नेताओं पर नैतिकता के नाते इस्तीफा देने का स्वत: ही दवाब बन जाएगा.

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