पॉलिटॉक्स न्यूज. देश में कोरोना संकट और लॉकडाउन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. मंगलवार को एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉकडाउन के चार चरणों के बाद भी नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए और महामारी का असर बढ़ता रहा. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से अब की विकट होती परिस्थितियों पर ‘प्लान बी’ बताने को कहा. साथ ही पीएम मोदी के कोरोना संकट के दौरान किए गए वायदों और लॉकडाउन के चारों चरणों को फेल करार दिया.
पीएम मोदी पहले फ्रंटफुट पर खेले, अब बैकफुट पर: राहुल गांधी
राहुल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी शुरुआती वक्त में फ्रंटफुट पर खेलते हुए दिखे, लेकिन अब वो बैकफुट पर हैं. लेकिन पीएम को फिर फ्रंटफुट पर आना होगा. राहुल गांधी ने हमलावर होते हुए कहा कि जब दूसरे देशों में कोरोना का असर काफी ज्यादा हुआ, तब देश में लॉकडाउन लगा जबकि हमने जनवरी में भी बता दिया था कि हालात खतरनाक होने वाले हैं और जो नुकसान होने वाला है, वो दिख नहीं रहा. कोरोना के मद्देनजर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है. राहुल ने कहा कि मैं अपनी फरवरी की चेतावनी को दोहरा रहा हूं, हम अभी भी खतरनाक स्थिति में हैं. राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष का काम सरकार की गलतियां दिखाना है, जो हम कर रहे हैं.
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वायनाड सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल ने आरोप लगाया कि कोरोना संकट से निपटने में सरकार पारदर्शी नहीं है. लॉकडाउन का मकसद पूरी तरह से फेल हो गया है. लॉकडाउन के नतीजे प्रधानमंत्री की उम्मीद के मुताबिक नहीं आए और न ही लक्ष्य पूरे हुए. कांग्रेस नेता ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को सच्चाई माननी चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महीने पहले कहा था कि हम 21 दिन में कोरोना वायरस को हरा देंगे, लेकिन अब 60 दिन हो गए हैं और अभी भी देश में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है और लॉकडाउन को हटाया जा रहा है. साफ है कि चारों लॉकडाउन फेल रहे.
प्रवासी मजदूरों और बेरोजगारी पर बोले राहुल गांधी
मजदूरों की समस्या को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि आज मजदूर कह रहे हैं कि हमारा भरोसा टूट गया, ये शब्द किसी को नहीं कहने चाहिए क्योंकि देश में किसी का भरोसा नहीं टूटना चाहिए. सरकार अभी भी मजदूरों की मदद कर सकती है और हर मजदूर के खाते में 7500 रुपये दे सकती है. यूपी सरकार द्वारा अन्य राज्यों में मजदूरों के काम के लिए परमिशन पर कहा कि मजदूर किसी की निजी संपत्ति नहीं है, वो कहीं पर भी जाकर काम कर सकते हैं. ऐसे में कोई किसी को रोक नहीं सकता है.
राहुल गांधी ने बेरोजगारी पर बोलते हुए कहा कि भारत को गंभीर बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. देश में रोजगार की मुश्किलें पहले ही थीं, लेकिन लॉकडाउन से एक और गहरी चोट लगेगी. आने वाले दिनों में बेरोजगार की संख्या तेजी से बढ़ सकती है. ऐसे में आम लोगों के हाथ में पैसा होना जरूरी है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मेक इन इंडिया जैसी सरकार की पहल का कोई असर नहीं दिख रही है. एमएसएमई और गरीबों को नगदी की जरूरत है, अन्यथा यह घातक होगा.
न्याय योजना का जिक्र करते हुए कैश देने की बात कही
न्याय योजना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रवासियों में निराशा की भावना है. जब कि सरकार में बैठे लोगों में डर है कि अगर गरीबों को ज्यादा पैसा दिया, तो बाहर के देशों में गलत संदेश जाएगा. सरकार की सोच है कि अगर हम गरीबों को नकद राशि देते हैं तो यह हमारी क्रेडिट रेटिंग को प्रभावित करेगा. राहुल ने कहा कि भारत की शक्ति ये गरीब हैं, ऐसे में बाहर की चिंता नहीं करनी चाहिए. कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि मैं सरकार से आर्थिक मोर्चे पर सकारात्मक कार्य करने का अनुरोध करता हूं, सरकार ने जो पैकेज की घोषणा की है, उससे किसी की मदद नहीं होगी. सरकार अभी भी मजदूरों की मदद कर सकती है और हर मजदूर के खाते में 7500 रुपये दे सकती है.
राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछे ये सवाल
1. पीएम मोदी गरीबों के लिए और किसानों के लिए क्या कर रहे हैं, उसका जवाब दें.
2. राज्य सरकारें गरीबों को पैसा दे रही हैं, खाना दे रही हैं लेकिन राज्य कब तक अकेले लड़ाई लड़ेंगे?
3. देश को मालूम होना चाहिए क्या हो रहा है, जो सरकार नहीं बता रही है. केंद्र सरकार को आगे आने होगा और रणनीति के बारे में देश से बात करनी होगी. प्रवासियों पर अपनी नीतियां सार्वजनिक करें सरकार.
4. चीन और नेपाल बॉर्डर पर जो हुआ है, इसके डिटेल्स सरकार को देश के सामने रखना चाहिए क्योंकि अभी किसी को नहीं पता है कि क्या हुआ है?
5. नेपाल के साथ क्या हुआ और लद्दाख में क्या हो रहा है, इन बातों का जवाब सरकार को देश के सामने रखना चाहिए.