राजधानी दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना’ का ऐलान किया, जिसमें युवाओं को नौकरी, इंटर्नशिप सहित कई लोक लुभावने वायदे किए गए. इस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कटाक्ष किया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब देश के प्रधानमंत्री के पास कोई नया विचार नहीं है. अब युवाओं को रोजगार नहीं, सिर्फ जुमले मिलेंगे..’. सोशल मीडिया पर अपने निजी विचार शेयर करते हुए उन्होंने इस घोषणा को महज एक रटा रटाया जुमला बताया.
दरअसल, पीएम मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना’ की घोषणा की. इस योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक रोजगार प्रोत्साहन योजना है, जिसका उद्देश्य 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक 3.5 करोड़ नौकरियां सृजित करना है. योजना के तहत पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 और नियोक्ताओं को ₹3,000 प्रतिमाह तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. दावा किया गया है कि इस योजना से देश के 3.5 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी व खड़गे ने किया संविधान और सेना का अपमान.. क्या बीजे
और निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार की ओर से 15 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. पी का हमला जायज?
योजना के जवाब में राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर संसद के मानसून सत्र के दौरान कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से पूछे गए लिखित प्रश्न और उनके उत्तर की प्रति साझा की. राहुल गांधी ने पोस्ट में लिखा, ‘एक लाख करोड़ रुपये का जुमला- सीजन 2. 11 साल बाद भी मोदी जी के वही पुराने जुमले, वही रटे-रटाए आंकड़े.’
पोस्ट में आगे उन्होंने लिखा, ‘पिछले साल एक लाख करोड़ से एक करोड़ इंटर्नशिप का वादा किया गया और इस साल फिर एक लाख करोड़ रुपये की नौकरी योजना का वादा किया गया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘सच क्या है? संसद में मेरे सवाल पर सरकार ने माना कि 10 हजार से भी कम इंटर्नशिप हुई. मेहनताना इतना कम था कि 90 प्रतिशत युवाओं ने मना कर दिया.’ मोदी जी के पास अब कोई नया आइडिया नहीं बचा. इस सरकार से युवाओं को रोजगार नहीं, बस जुमले मिलेंगे.’
पाखंड से भरा, नीरस और उबाऊ है पीएम का भाषण
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी के भाषण पर तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, ‘लाल किले की प्राचीर से आज प्रधानमंत्री का भाषण पुराना, पाखंड से भरा, नीरस और उबाऊ था. विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत और ‘सबका साथ, सबका विकास’ जैसे वही दोहराए गए नारे साल-दर-साल सुने जा रहे हैं, लेकिन इनका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.’
यह भी पढ़ें: उल्टा तिरंगा हाथ में लेकर तिरंगा यात्रा पर निकल पड़े CM भजनलाल के मंत्री जी
भाषण के बीच में आरएसएस का जिक्र करने पर निराशा व्यक्त करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे परेशान करने वाला पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का घोर उल्लंघन है. कांग्रेस ने दावा किया कि निर्णायक रूप से कमजोर हो चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह से आरएसएस की दया पर निर्भर हैं और यह आरएसएस को खुश करने की एक हताशा से भरी कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है.



























