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यूपी की सबसे हॉट और हाई-प्रोफाइल मानी जाने वाली अमेठी संसदीय सीट पर सियासी गर्मागर्मी के चलते चुनाव बेहद दिलचस्प होता जा रहा है. यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन में उनके नाम, शैक्षणिक योग्यता व नागरिकता को लेकर आपत्ति जताई गई थी. जिसके बाद अब उनके नामांकन की स्क्रूटनी 22 अप्रैल को होगी. वहीं बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के नामांकन को लेकर भी सवाल खड़े किये गए हैं. अमेठी से निर्दलीय प्रत्याशी रोहित कुमार ने अपने अधिवक्ता राहुल चंदानी के माध्यम से स्मृति के नामांकन को लेकर निर्वाचन अधिकारी को आपत्ति दर्ज करवाई है.

स्क्रूटनी के दौरान राहुल पर आपत्ति
हुआ यूं कि, यूपी की अमेठी लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिस में स्क्रूटनी की कार्रवाई शुरू हुई तो इस दौरान राहुल गांधी का नाम पुकारा गया. जिसके बाद चार लोगों ने उनके नाम को लेकर आपत्ति दर्ज करा दी. आपत्ति के बाद राहुल गांधी के वकील राहुल कौशिक द्वारा इन आपत्तियों का खंडन करने के लिए समय मांगा गया. जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने स्क्रूटनी की तारीख आगे बढ़ाते हुए 22 अप्रैल कर दी. अमेठी रिटर्निंग ऑफिसर राम मनोहर मिश्रा ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर मामले की जानकारी दी है. जिसमें राहुल गांधी के नामांकन पर अफजाल, सुरेश चंद्र, ध्रुवलाल, सुरेश कुमार द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई.

plitalks newsबीजेपी ने राहुल पर लगाया आरोप
बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल गांधी के नाम और उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया, साथ ही आरोप भी लगाया कि राहुल ने हर चुनाव में सर्टिफिकेट बदले हैं. बीजेपी प्रवक्ता राव ने कहा कि पूरा देश स्तब्ध है कि जब अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई और उनका नाम पुकारे जाने पर कुछ लोगों की आपत्ति किए जाने के बाद राहुल और उनके वकील राहुल कौशिक स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार नहीं थे. वहीं बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी की नागरिकता पर यह चौंकाने वाली घटना है. उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक थे.

क्योंकि साल 2004 के हलफनामा में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने इंग्लैंड की कंपनी में निवेश नहीं किया था जबकि 2005 में कंपनी (बैकऑप्स लिमिटेड) के दस्तावेजों के अनुसार राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया. क्या यह भारतीय नागरिकता कानून का उल्लंघन नहीं है. अगर कोई दूसरे देश का नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता चली जाती है.

स्मृति की डिग्री – राहुल का हल्फनामा
तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के नामांकन पर भी निर्दल प्रत्याशी रोहित कुमार ने अपने अधिवक्ता राहुल चंदानी के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी से आपत्ति की है. राहुल चंदानी ने कहा कि जब 2004 में उन्होंने चांदनी चौक से चुनाव लड़ा तो अपने हलफनामे में सिर्फ और सिर्फ बैचलर ऑफ आर्ट्स 1996 में खत्म कर चुकी हूं लिखा, और उन्होंने किसी और डिग्री के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. राहुल गांधी के खिलाफ 2014 में अमेठी से चुनाव लड़ने के दौरान दिया गया हलफनामा 2019 के हलफनामे से अलग था. चंदानी ने स्मृति ईरानी के हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करते हुए मांग की कि उनका नामांकन रद्द किया जाए.

बीजेपी के राहुल से सवाल
बीजेपी प्रत्याशी व पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नामांकन को लेकर आपत्ति जताये जाने के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी को निशाना बनाया है. बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने उनकी शैक्षणिक योग्यता और नागरिकता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि, क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक थे और उन्होंने एक साल के अंतर में बीए और एमफिल की डिग्री कैसे मिल गई. राव ने राहुल की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी शिक्षा पर कुछ संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. 2004 में उन्हें सीनियर सेकेंडरी स्कूल का प्रमाणपत्र मिला और इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज से एमफिल की डिग्री हासिल कर ली, जबकि इस बीच उन्होंने कुछ नहीं किया.

वहीं बीजेपी प्रवक्ता राव ने कहा कि, साल 2009 में उन्होंने अपनी नई डिग्री फ्लोरिडा से रोलिंग्स कॉलेज से बीए की डिग्री दिखाई. तब डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स से एमफिल किया. 2014 में एमफिल की डिग्री डेवलपमेंट स्टडीज हो गई. उन्होंने कहा कि 2019 में राहुल ने बताया कि उन्होंने 1994 में बीए किया और 1995 में एमफिल. अब कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसने बैचलर डिग्री हासिल करने के एक साल बाद ही एफफिल की डिग्री दे दी.

गौरतलब है कि 10 अप्रैल को ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी संसदीय सीट से नामांकन भरा था और इससे पहले रोड शो भी निकाला था. जिसमें उनके साथ उनका पूरा परिवार था. वहीं, इस बार राहुल गांधी अमेठी के अलावा वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अमेठी लोकसभा सीट पर पांचवे चरण में 6 मई को चुनाव होना है. अमेठी संसदीय सीट को कांग्रेस का दुर्ग कहा जाता है. इस सीट पर अभी तक 16 लोकसभा चुनाव और 2 उपचुनाव हुए हैं. इनमें से कांग्रेस ने 16 बार जीत दर्ज की है. वहीं, 1977 में लोकदल और 1998 में बीजेपी को जीत मिली है. जबकि बसपा और सपा अभी तक अपना खाता नहीं खोल सकी है.

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