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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील के ​लीक दस्तावेजों को वैध माना है. अब इस मामले में नए दस्तावेजों के आधार पर फिर से सुनवाई शुरू होगी. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने एक मत से दिए फैसले में कहा कि जो नए दस्तावेज डोमेन में आए हैं, उन आधारों पर मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई होगी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस एस.के.कौल और जस्टिस के.एम.जोसेफ शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट अब रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के लिए नई तारीख तय करेगा।

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि इससे संबंधित डिफेंस के जो दस्तावेज लीक हुए हैं, उस आधार पर रिव्यू पिटिशन की सुनवाई की जाएगी या नहीं। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लीक दस्तावेजों के आधार पर रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई का विरोध किया था. सरकार ने कहा था कि दस्तावेज प्रिविलेज्ड (विशेषाधिकार वाला गोपनीय) दस्तावेज है और इस कारण रिव्यू पिटिशन खारिज किया जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के.एम.जोसेफ ने कहा कि आरटीआई एक्ट-2005 में आया है और ये एक क्रांतिकारी कदम था. ऐसे में हम पीछे नहीं जा सकते।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में जांच की गुहार से संबंधित अर्जी को 14 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दिया था. उसके बाद रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई है जिस पर ओपन कोर्ट में सुनवाई हुई थी। 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस ऐतराज पर ऑर्डर रिजर्व कर लिया था कि क्या प्रिविलेज्ड दस्तावेज पर विचार करते हुए रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई हो या नहीं।

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