पॉलिटॉक्स न्यूज/यूपी. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इशारों इशारों में केंद्र की मोदी सरकार एवं साथ ही साथ प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने प्रवासी मजदूरों को स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही मोदी सरकार की नीयत और आर्थिक पैकेज की असली परीक्षा बताया. बसपा चीफ ने कहा कि अब संकट की घड़ी में केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज के उपयोग की भी परीक्षा होगी. अपने बयान में मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के प्रवासी मजदूरों से ट्रेन का किराया न वसूल करने के निर्णय का भी जिक्र किया.
सोशल मीडिया पर एक के बाद एक ट्वीट करते हुए मायावती ने केंद्र सरकार पर करारे प्रहार किए. अपने पहले ट्वीट में मायावती ने कहा कि देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा/तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः माननीय सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल/बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. बीएसपी की इस मांग की सरकार अनदेखी करती रही है.
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1.देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा/तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः मा. कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल/बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बीएसपी की इस माँग की सरकार अनदेखी करती रही है।
— Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020
मायावती ने आगे लिखा कि खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है. इन्हें इनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है.
2.किन्तु खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है। इन्हें इनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है।
— Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020
अंत में बसपा सुप्रीम ने केंद्र पर हमलावर होते हुए कहा कि वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रु का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है. उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहां होनी है. आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए. मायावती ने कहा कि अब सरकार को इस अभियान को गति प्रदान करनी होगी.
3. वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रु का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहाँ होनी है। आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए। उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020
बता दें, लॉकडाउन में ट्रेनों से अपने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों पर एक बड़ा और राहत भरा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकार मजदूरों से ट्रेनों का किराया नहीं वसूल सकती. सरकार को मजदूरों का ध्यान रखना पड़ेगा और सरकार ही मजदूरों का पूरा किराया वहन करेगी और रेल मंत्रालय को किराए का भुगतान करेगी. साथ ही राज्य सरकारों को फंसे हुए मजदूरों का पूरा ध्यान रखने, खाने पीने की व्यवस्था करने और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिया है.