Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना संकट के कारण लोगों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार से जोड़कर उन्हें राहत दी जाए. सीएम गहलोत ने कहा कि आगामी महीनों में मानसून को देखते हुए मनरेगा के तहत पौधारोपण का कार्य वृहद स्तर पर कराया जा सकता है. इसमें कोविड प्रोटोकॉल की पालना आसान होगी. इसको ध्यान में रखते हुए वन विभाग, मनरेगा एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त कार्ययोजना तैयार करें.
गुरुवार को सीएम आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में मई-जून के माह में तेज गर्मी के कारण मनरेगा श्रमिकों को गेती फावड़ा परात आदि औजारों के उपयोग के साथ ही काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. राज्य सरकार ने पूर्व में भी इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर मजदूरी को यथावत रखते हुए कार्य समय में बदलाव किया था और इसके अनुरूप टास्क को भी कम किया था.
यह भी पढें: प्रदेश में संक्रमण के साथ अब मौतों के आंकड़ों में बड़ी राहत, सीएम ने प्रदेशवासियों से की यह खास अपील
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए कि मनरेगा श्रमिकों को गर्मी के मौसम राहत देने के लिए टास्क कम करने के संबंध में भारत सरकार को पत्र लिखा जाए. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण का स्तर काफी अधिक देखने को मिला है. इसे ध्यान में रखते हुए मनरेगा कार्यस्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जाए. श्रमिक आवश्यक रूप से मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें.
डोर-टू-डोर कराएं सर्वे और पात्र परिवारों को मिले लाभ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कारगर उपाय है. इसे निरंतर जारी रखा जाए. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग अपने संसाधनों के माध्यम से इस कार्य को ग्रासरूट स्तर तक प्रभावी रूप से अंजाम दे. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सोशल ऑडिट प्रभावी माध्यम है. इस व्यवस्था को और मजबूत बनाएं ताकि योजनाओं का निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो और पात्र परिवारों को इनका पूरा लाभ मिल सके.
यह भी पढ़ें: प्रदेश के सांसदों की हिम्मत नहीं कि मोदी को सुझाव दे सकें, महंगाई के खिलाफ अभियान चलाएगी कांग्रेस- डोटासरा
वहीं मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि कोविड़ को ध्यान में रखते हुए मनरेगा में व्यक्तिगत श्रेणी के काम अधिक से अधिक किए जाएं. इस दौरान यह भी ध्यान रखा जाए कि भूमिहीन श्रमिकों को भी मनरेगा में पर्याप्त काम मिले. बैठक में मौजूद रहे ग्रामीण विकास विभाग के सचिव केके पाठक ने ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया. पाठक ने बताया कि लॉकडाउन के कारण स्थगित किए गए मनरेगा कार्य 24 मई से पुनः प्रारंभ किए गए हैं. श्रमिकों के नियोजन के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक श्रेणी के करीब 3.72 लाख कार्य उपलब्ध हैं. इन कार्यों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.