Politalks.News/Rajasthan/AshokGehlot. गहलोत सरकार सभी राज्य कर्मचारियों के लिए अब चल-अचल संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य करने जा रही है. यही नहीं कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली यह जानकारी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB)के अधिकारियों को भी दी जाएगी. अभी तक सिर्फ अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों और राजपत्रित अधिकारियों को ही अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना होता था. राजस्थान में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों और कर्मचारियों के रिश्वत लेने की लगातार मिलती शिकायतों के बाद सरकार अब इस तरह की सख्ती बरतने जा रही है.
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शासन में पारदर्शिता चाहते हैं. उनका प्रयास है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और काम के बदले लिए जाने वाले पैसों (रिश्वत) पर रोक लगे. इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने अब नया सिस्टम तैयार किया है. जिसके अनुसार बाबू से लेकर ऊपरी स्तर के अधिकारी को सालाना अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नियम को एक जनवरी, 2021 से लागू कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीन के लिए हेल्थ वॉरियर्स की प्राथमिकता सबसे ऊपर, जनहित में लिए फैसले- सीएम गहलोत
बता दें, इससे पहले केवल राजपत्रित अधिकारियों को ही अपनी चल-अचल संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होती थी. लेकिन अब राजस्थान सरकार की ओर से नया आदेश लागू होने के बाद करीब साढ़े सात लाख से ज्यादा कर्मचारी इसकी जद में आ जाएंगे. यही नहीं सरकार कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली यह जानकारी एसीबी के साथ भी साझा करेगी. जिससे किसी भी कर्मचारी की शिकायत मिलने पर एसीबी उसकी संपत्ति के बारे में ऑनलाइन चेक कर सकेंगे. साथ ही कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरतने का मामला सामने आने पर प्रमोशन सहित अन्य लाभ भी रोके जाएंगे.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसीबी मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सभी कर्मचारियों की संपत्ति ऑनलाइन रखने और इसकी जानकारी एसीबी को देने की बात कही थी. सरकार अब इस संबंध में आदेश जारी कर अपने लिए निर्णय को अमलीजामा पहनाने जा रही है.