जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर शनिवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर किस आधार पर जम्मू कश्मीर में उनकी पार्टी के नेताओं को हिरासत में लिया गया.

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस इकाई के संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने से रोके जाने के बाद शनिवार देर शाम प्रियंका गांधी ने सिलसिलेवार दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘किस आधार पर जम्मू कश्मीर में कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किया गया? क्या मीडिया से बात करना गुनाह है? जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, जो भारत के संविधान का सम्मान तथा उसका पालन करते हैं, उन्हें हिरासत में 15 दिन हो गये हैं.’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसके अगले ट्वीट में हैशटैग ‘स्टॉप इलीगल अरेस्ट इन कश्मीर’ से ट्वीट किया, ‘यहां तक कि उनके परिवार वालों को भी उनसे बात करने की इजाजत नहीं है. क्या मोदी-शाह सरकार यह मानती है कि भारत अब भी लोकतंत्र है?’

इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने पार्टी के जम्मू कश्मीर प्रमुख गुलाम अहमद मीर को हिरासत में लिये जाने की आलोचना करते हुए शनिवार को इसे ‘बिल्कुल गैरकानूनी’ करार दिया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि अदालतें इस मामले का संज्ञान लेंगी. अपने कई ट्वीट में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मीर शुक्रवार से जम्मू में अपने घर में नजरबंद हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हिरासत में लेने का कोई लिखित आदेश नहीं था. बिल्कुल गैरकानूनी है. मैं उम्मीद करता हूं कि अदालतें कदम उठाएंगी और नागरिकों की आजादी की सुरक्षा करेंगी.’

इससे पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रवींद्र शर्मा की गिरफ्तारी की खबर आई थी. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘मैं जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर और प्रवक्ता रवींद्र शर्मा को जम्मू में आज गिरफ्तार किए जाने की कड़ी निंदा करता हूं. एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के खिलाफ बेवजह के कार्रवाई से सरकार ने लोकतंत्र पर एक और हमला किया है. यह पागलपन कब खत्म होगा.’

गौरतलब है कि पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. जिससे जम्मू-कश्मीर को मिले सभी विशेषाधिकार खत्म हो गए हैं. इसका कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियां विरोध कर रही हैं.

Leave a Reply