पॉलिटॉक्स न्यूज. दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के अमीर मौलाना मोहम्मद साद को क्राइम ब्रांच ने फिर से नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है. पिछले भेजे गए 4 नोटिस का मोहम्मद साद ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. क्राइम ब्रांच ने मौलाना से 26 सवालों के जवाब मांगे थे लेकिन मौलाना सेल्फ क्वारेंटाइन का बहाना कर अंडर ग्रांउड हो गए. बीच बीच में अपने ऑडियो जरूर जारी कर रहे हैं लेकिन सामने नहीं आ रहे. गौर करने लायक बात ये है कि उनके क्वारेंटाइन को एक महीने से भी ज्यादा समय हो चुका है. इस संबंध में उनके दोनों बेटे और घर वालों से पूछताछ हो चुकी है. जल्दी भेजे जाने वाले 5वें नोटिस में पिछली जानकारियों के साथ ही ‘काशिफ उल उलूम’ ट्रस्ट के बारे में पूछे गए सवालों को शामिल किया जा सकता है.
पिछले भेजे गए चार नोटिस में तब्लीगी जमात संगठन का पूरा पता और रजिस्ट्रेशन से जुड़ी जानकारियां, संगठन से जुड़े कर्मचारियों की पूरी डिटेल, जिसमें घर का पता और मोबाइल नंबर भी शामिल हो, मरकज के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की डिटेल मांगी गई है. साथ ही पूछा गया कि ये लोग कब से मरकज से जुड़े हैं. इसके साथ ही मरकज की पिछले 3 साल की इनकम टैक्स की डिटेल, पैन कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट की डिटेल और एक साल की बैंक स्टेटमेंट की डिटेल मांगी गई है. एक जनवरी, 2019 से अब तक मरकज में हुई सभी धार्मिक आयोजनों सहित मरकज के अंदर सीसीटीवी की जानकारी मांगी है.
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने मौलाना साद से ये भी पूछा है कि धार्मिक आयोजनों में लोगों की भीड़ जुटने से पहले क्या कोई इजाजत कभी पुलिस से या प्रशासन से मांगी गई या कभी मिली तो उसकी जानकारी और दस्तावेज मुहैया कराएं. मौलादा से 12 मार्च के बाद मरकज में आये सभी देसी विदेशी जमातियों की पूरी जानकारी देने को कहा है. मरकज की फंडिंग को लेकर भी जांच चल रही हैं. जमात को खाड़ी देशों से मोटा फंड मिलने की जानकारी सामने आई है.
हाल में तब्लीगी जमात से जुड़े एक ट्रस्ट का भी पता लगा है जिसके जरिए विदेशों में लाखों रुपये का लेनदेन किया गया है. इस ट्रस्ट का नाम ‘काशिफ उल उलूम’ है जिसके तार जमात से जुड़े बताए जा रहे हैं. इस ट्रस्ट का खाता दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी में ही है. ईडी खातों की जानकारी के लिए बैंक को नोटिस जारी करने की तैयारी में है. एक शख्स को खोज निकाला गया है जो विदेशों में पैसे भेजता था. जानकारी के मुताबिक शख्स ने करीब 90 लाख रुपये विदेश भेजे हैं.
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम पिछले एक महीने से मौलादा साद की तलाश में जुटी हुई है. जमात से जुड़े कई खुलासों के बाद दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी उसकी तलाश में है. इसी कड़ी में साद के शामली के फार्म हाउस पर भी छापा मारा गया लेकिन वहां कोई नहीं मिला. मरकज की बिल्डिंग की भी तलाशी ली जा चुकी है. जमात के चीफ मौलाना मोहम्मद साद समेत 17 लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने वीजा नियमों का उल्लंघन करने वाले कई जमातियों को लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. मामले में धारा 304 भी जोड़ी गई है जो हत्या के संबंध में है.
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मौलाना पर लोगों को भड़काने, कोरोना फैलाने की साजिश रचने और सोशल डिस्टेन्सिंग के पालन की जगह एक जगह एकत्रित होकर नमाज अता करने जैसे भी आरोप लगाए गए हैं. मरकज में बड़ी संख्या में देसी विदेशी जमातियों को छिपाने का आरोप भी साद पर लगा है. मौलाना के परिवार से भी इस बारे में पूछताछ की जा रही है.
जमात के मरकज में आए 1890 विदेशियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया था और कार्यक्रम में शामिल हुए थे.