राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सरकारी लेटर पैड पर थाने में सीएलजी सदस्य नियुक्त करने की सूची जारी करने को लेकर जयपुर की निचली अदालत में पेश हुआ परिवाद, महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ पेश किया गया परिवाद पेश, इस पर अदालत आगामी 4 अक्टूबर को करेगी सुनवाई, बलराम जाखड़ की ओर से पेश इस परिवाद में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को आरोपी बताते हुए उन पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में लगाए गए हैं आरोप, लगाए गए आरोपों के मुताबिक सीएलजी सदस्यों की नियुक्ति की जाती है पुलिस अधीक्षक की ओर से, वहीं नियम 12 के तहत ऐसे किसी व्यक्ति को सीएलजी सदस्य के तौर पर नहीं किया जा सकता नियुक्त, जो राजनीतिक दल से हो जुड़ा हुआ, परिवाद में कहा गया कि डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने गत 21 जून को अपने राजकीय कार्यालय से फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने लेटर पैड पर मौजमाबाद थानाधिकारी को जारी किया किया और सीएलजी सदस्यों को कर दिया मनोनीत, जबकि नियमानुसार यह शक्ति सिर्फ पुलिस अधीक्षक को है प्राप्त, इसके अलावा इस मनोनयन में नियम 12 के प्रावधानों की पालना भी है जरूरी, बता दें बीते दिनों डिप्टी सीएम बैरवा का एक लेटर पैड सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल, जिसमें मौजमाबाद थानाधिकारी को संबोधित करते हुए लिखा गया था लोगों को थाने में सीएलसी सदस्य के तौर पर मनोनीत करने के लिए