उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ में 40 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गयी और कई घायल हुए हैं. भले ही महाकुंभ में योगी सरकार हालात नियंत्रण में होने का दावा कर रही हो लेकिन विपक्ष लगातार 12 सालों में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ में सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाता रहा है. उसके बाद भी इस घटना का घटित होना कहीं न कहीं राज्य सरकार की व्यवस्थाओं में ढिलाई की ओर इशारा करता है. अब इस पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं का गुस्सा फूटा है. इन सभी ने वीआईपी मूवमेंट को प्राथमिकता दिए जाने को इस दुखद घटना का जिम्मेदार बताया है.
वीआईपी कल्चर समाप्त करने से बदलेगी तस्वीर
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वीआईपी कल्चर को समाप्त करने की अपील की है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘प्रयागराज से आई खबर दिल दहला देने वाली है. खराब प्रबंधन और आम तीर्थयात्रियों की तुलना में वीआईपी मूवमेंट को प्राथमिकता देना इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है. वीआईपी (कल्चर) संस्कृति पर रोक लगनी चाहिए और ऐसी घटना फिर ना घटे, इसके लिए तीर्थयात्रियों के लिए उचित एवं बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए.’
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस बात का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘आधी-अधूरी तैयारियां, वीआईपी मूवमेंट और प्रबंधन के बजाय आत्म-प्रचार पर ध्यान की वजह से ऐसी घटना घटी. हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद ऐसी तैयारियां निंदनीय हैं. तीर्थयात्रियों के ठहरने तथा प्राथमिक उपचार की सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए तथा वीआईपी की आवाजाही पर रोक लगाई जानी चाहिए. हमारे संत भी यही चाहते हैं.’
सरकार-प्रशासन की तैयारियों पर उठ रहे सवाल
यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भगदड़ की घटना पर चिंता जाहिर करते हुए व्यवस्था को सेना को सौंपने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि विश्व स्तरीय व्यवस्था के दावों के पीछे की सच्चाई सामने आ गई है. जो लोग ऐसे दावे कर रहे थे, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए. आज की घटना के बाद श्रद्धालुओं का विश्वास बहाल करने के लिए महाकुंभ की व्यवस्था सेना को सौंप देनी चाहिए.
इस तरह से मची आयोजन में भगदड़
महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से तुरंत पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात अचानक भगदड़ मच गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अखाड़ों का स्नान देखने के लिए श्रद्धालु संगम किनारे रूके रहे और भीड़ बढ़ती गयी. भीड़ इतनी बढ़ गई कि श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ बैरिकेडिंग तोड़कर सो रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गयी और इधर उधर भागने लगी. गए. घटना और लगातार भीड़ बढ़ने के बाद, प्रशासन ने अखाड़ों से अपने अनुष्ठान स्नान को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया है. योगी सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है. साथ ही साथ वीआईपी प्रोटोकोल पर भी रोक लगाई लगी है.