Politalks.News/Rajasthan. कभी सचिन पायलट के कट्टर समर्थक रहे परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों द्वारा पायलट गुट के विधायकों को गद्दार बताने के सवाल को पर टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि, ‘आपस में बयानबाजी हुई तो मेरा इस पर टिप्प्णी करना अच्छा नहीं है. राजनीति में एक-दूसरे के खिलाफ बयान आते हैं. क्या किसने बयान दिया मुझे नहीं, उन्हीं से पूछना चाहिए.’ खाचरियावास ने यह भी कहा की मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत फैसला है. मुख्यमंत्री ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी से राय के बाद फैसला लेते हैं.
दरअसल, बुधवार को सचिवालय में हुई परिवहन विभाग की बैठक के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे. खाचरियावास ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार बड़ा मामला है. ऐसे बड़े मामले जो दिल्ली लेवल पर तय होते हैं. इसका फैसला सीएम-एआईसीसी स्तर पर किया जाता है. कोरोना में मुख्यमंत्री खुद पॉजिटिव आए गए और खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जहां तक मंत्रिमंडल विस्तार पर उनकी राय है, किसी को इस बारे में पूछना है तो उनसे पूछे कब होना है.
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प्रताप सिंह खाचरियावास ने आगे यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हमारे नेता हैं, किसी विधायक को नाराजगी है तो उनसे बात करें. मुख्यमंत्री वीसी से विधायकों से बात कर रहे हैं. नेता से नाराज होना सबका हक है, लेकिन नाराजगी भी नेता ही दूर करता है. यदि कोई बात है तो सीएम या प्रभारी अजय माकन से डिमांड करें. विधायकों को अपनी बात पार्टी के फोरम पर करनी चाहिए, इस तरह बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विधायकों को कहीं कोई दिक्कत है तो सरकार-मुख्यमंत्री और मंत्रियों से बात करें. विधायक खुद पॉवरफुल होता है. विधायकों को सियासी बयानबाजी छोड़कर लोगों की जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए काम करना चाहिए. यह वक्त सियासी बयानबाजी का है ही नहीं. जनता को भी सियासी बयानबाजी से कोई मतलब नहीं है और न ही कांग्रेस बीजेपी की लड़ाई से मतलब है. लोगों का ध्यान सरकार की योजनाओं की तरफ है ताकि कोरोना से उजड़ी अपनी जिंदगी को पटरी पर ला सकें. परिवहन मंत्री ने पायलट गुट के वेद प्रकाश सोलंकी और मुकेश भाकर के जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जासूसी और टेप ये तो कुछ होता ही नहीं है.