बिहार की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर पहली बार जन सिराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया आई सामने, प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता में हार की जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी और कहा मैं एक दिन का मौन उपवास करूंगा, वही राजनीति से संन्यास के सवाल पर प्रशांत किशोर का जवाब – हम किस पद पर हैं कि इस्तीफा दें, बिहार के लोगों को छोड़ने की बात तो हमनें नहीं कहे थे, सरकार अब 2 लाख रुपए महिलाओं को दे दे तो हम राजनीति छोड़ देंगे, प्रशांत किशोर ने कहा- हमने ईमानदार प्रयास किया है और उसमें बिल्कुल सफलता नहीं मिली, इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है, व्यवस्था परिवर्तन की बात छोड़िए, हम सत्ता परिवर्तन भी नहीं करा सके, लेकिन बिहार की राजनीति बदलने में हमारी भूमिका ज़रूर बनी है, हमारी कोशिशों में, हमारी सोच में, समझाने में कमी रही होगी जिसके कारण जनता ने हमें नहीं चुना, अगर जनता ने हम पर भरोसा नहीं जताया, तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी मेरी है, मैं ये ज़िम्मेदारी 100% अपने ऊपर लेता हूँ कि जिस प्रयास के लिए हम जुड़े थे जिस प्रयास को करना चाहते थे उसपर जनता का विश्वास नहीं जीत पाया, PK ने आगे कहा- बिहार नहीं छोड़ रहा, जब तक बदलेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं, इसके साथ ही चुनावी विश्लेषकों का हवाला देते हुए प्रशांत किशोर ने एनडीए की जीत के लिए तीन कारकों को महत्वपूर्ण बताया-
1. नकदी हस्तांतरण
2. जंगलराज के भय से ध्रुवीकरण
3. जातिगत आधार पर वोट



























