अपनों के निशाने पर आए पूनियां ने उठाए 22 साल पुराने खत की टाइमिंग पर सवाल, बचाव में उतरे राठौड़

बीजेपी में पूनियां का लेटर बम गिरने के बाद आपसी खींचतान और विवाद बढ़ने के आसार, वसुंधरा खेमे के नेताओं के निशाने पर पूनियां, रोहिताश्व शर्मा का पूनियां पर निशाना, तो पूनियां ने जिस राठौड़ को बताया था भस्मासुर, अब उसी राजेन्द्र राठौड़ ने किया पूनियां का बचाव, पत्र को लेकर पूनियां ने खुद माना की लिखा तो था लेकिन लेटर के लीक होने की टाइमिंग पर जताया संदेह

बीजेपी में लेटर बम पर सियासत, अपनों के निशाने पर पूनियां
बीजेपी में लेटर बम पर सियासत, अपनों के निशाने पर पूनियां

Politalks.News/Rajasthan. 22 साल पुराने एक पत्र के सामने आने से प्रदेश भाजपा की राजनीति में भूचाल देखने को मिल रहा है. सोशल मीडिया पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का एक पुराना पत्र वायरल हुआ है. 5 जुलाई 1999 को लिखे इस पत्र में सतीश पूनियां ने तत्कालीन भाजपा दिग्गजों पर गंभीर आरोप लगाए थे. यह पत्र पूनियां ने भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते समय लिखा था. इसमें भैरों सिंह शेखावत, ललित किशोर चतुर्वेदी और हरीशंकर भाभड़ा पर तीन पेज के लेटर में पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था. साथ ही पत्र में राजेन्द्र राठौड़ और राम सिंह कस्वां को ‘भस्मासुर‘ बताया था. इस लैटर के सामने आने के बाद पूनियां अपनों के ही निशाने पर आ गए हैं. जबकि जिस राजेन्द्र राठौड़ को पूनियां ने उस समय भस्मासुर बताया था वे राजेन्द्र राठौड़ आज पूनियां के बचाव में उतर आए हैं.

राजेन्द्र राठौड़ ने पूनियां का किया बचाव
22 वर्ष पुराने लेटर पूनियां के लेटर के मामले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सतीश पूनियां का बचाव किया है. राठौड़ ने लिखा कि- ‘समय के चक्र के साथ समय काल और परिस्थितियां बदलती रहती हैं, 22 वर्ष पहले जो स्थितियां थीं वो आज नहीं है, उस वक्त भी पार्टी के प्लेटफॉर्म पर बात को कहा था, आज भी कोई व्यक्ति पार्टी के प्लेटफार्म पर कोई बात करे तो वह गलत नहीं है, परंतु बात जब बयानबाज़ी तक चली जाती है तो वह सही नहीं है’.

यह भी पढ़ें- ‘कमीशन’ के खेल पर ACB का एक्शन, राजाराम गुर्जर सहित दो गिरफ्तार, RSS प्रचारक भी घेरे में

राजेन्द्र राठौड़ ने कहा- ’22 वर्ष पहले मेरे समेत सभी लोग अपनी राजनैतिक धरती को मजबूत करने में लगे थे पार्टी में आपस में छोटी मोटी प्रतिस्पर्धा चलती रहती है, हमारे प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के पत्र को कुछ लोग ढाल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पार्टी से अलग हटकर सियासत करने की कोशिश में लगे हैं, मैं समझता हूं कि ये पार्टी हित की बात नहीं है’.

बीजेपी की आपसी खींचतान और विवाद और बढ़ने के आसार
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का 22 साल पुराना लेटर सामने आने के बाद पार्टी में खींचतान बढ़ गई है. वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं को सतीश पूनियां को घेरने का मौका मिल गया है. वसुंधरा राजे खेमे के नेता और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने इसकी शुरुआत कर दी है. रोहिताश शर्मा ने वायरल लेटर को आधार बनाकर सतीश पूनियां को निशाने पर लिया है. रोहिताश शर्मा को 24 जून को ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप में नोटिस देकर 15 दिन में जवाब देने को कहा था.

यह भी पढ़ें- जब पूनियां ने कहा- भैरों सिंह, चतुर्वेदी और भाभड़ा ने घोंपा मेरी पीठ में छुरा, कस्वां को बताया भस्मासुर

रोहिताश शर्मा ने कहा- जो व्यक्ति खुद अनुशासनहीनता कर चुका हो, अनुशासनहीनता की पराकाष्ठाएं पार कर चुका हो, वह दूसरों को अनुशासन की क्या सलाह और सीख दे सकता है. बड़े खेद की बात है. उल्लेखनीय है कि रोहिताश शर्मा ने 24 जून को नोटिस मिलने के बाद इसे विनाशकाले विपरीत बुद्धि बताते हुए वसुंधरा राजे का अनुयायी होने की बात कही थी.

सतीश पूनियां की चिट्ठी वायरल होने के बाद जिस तरह वसुंधरा राजे समर्थक रोहिताश शर्मा की तल्ख टिप्पणी सामने आई है उससे यह साफ हो गया है कि बीजेपी में खींचतान और बढ़ने वाली है. वायरल चिट्ठी ने बीजेपी के घमासान में आग में घी का काम किया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में लेटर बम की सियासत और तेज हो सकती है, कई और लेटर लीक हो सकते हैं. यह रणनीति दोनों तरफ से अपनाई जा सकती है.

यह भी पढ़ें: कब खत्म होगा कांग्रेस का क्राइसिस? गांधी परिवार के सामने झगड़े सुलझाना बड़ी चुनौती

बीजेपी दफ्तर से लीक हुई चिट्ठी ने बदला समीकरण!
22 साल पुरानी चिट्ठी वायरल होने के बाद अब बीजेपी में इसे लीक करने वाले नेताओं को लेकर चर्चाएं हैं. बताया जाता है कि चिट्ठी बीजेपी ऑफिस के पुराने रिकॉर्ड से ही लीक की गई है. सतीश पूनियां ने भी चिट्ठी पर सवाल नहीं उठाए हैं केवल इसे लीक करने की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं. चिट्ठी ऐसे वक्त लीक और वायरल हुई है जब बीजेपी संगठन वसुंधरा राजे के समर्थन में और प्रदेश संगठन पर सवाल उठाने वाले नेताओं को नोटिस देने की शुरूआत कर चुका है. इस चिट्ठी ने एकबारगी सियासी नरेटिव बदल दिया है.पूनियां ने खुद लेटर बम को बताया अजब सियासत की ग़ज़ब कहानी
सतीश पूनियां ने भी इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया देने के बाद आज एक बार फिर ट्वीट करते हुए लिखा- ’22 वर्ष पुराना पत्र इस समय जारी होना अजब सियासत की ग़ज़ब कहानी है, फिर भी, मैं तब भी कार्यकर्ताओं के साथ था अब भी साधारण कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधि हूं, पार्टी के मंच पर कही गयी बात के बाद ही नेतृत्व ने मुझे पार्टी में महत्वपूर्ण दायित्व दिये जिनका मैंने निष्ठा पूर्वक निर्वहन किया’. पूनियां ने कहा कि- ‘इतने पुराने लेटर को आज सामने लाने के पीछे सियासी षड्यंत्र है. मैंने उस वक्त की राजनीतिक परिस्थितियों के हिसाब से फैसला किया था. इसलिए उसे उसी वक्त की परिस्थितियों के संदर्भ में ही देखना चाहिए‘.

Leave a Reply