पाॅलिटाॅक्स ब्यूरो. सोमवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घर से निकले तो अपना नामांकन भरने थे लेकिन वो तय समय तक नामांकन अधिकारी के समक्ष नहीं पहुंच पाए. ऐसे में केजरीवाल अब मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. अब इसे अरविंद केजरीवाल की रोड शो राजनीति के रूप में देखा जाए या उनकी लोकप्रियता के प्रदर्शन के तौर पर, जो भी है एक बात तो साफ हो गई है कि केजरीवाल ने बता दिया है कि उनके चहाने वालों की तादाद ही इतनी थी कि वो चाह कर भी आज नामांकन नहीं भर पाए.
जानकारों की मानें तो आज नामांकन नहीं भरा जाना कुछ समय पहले तक राजनीति में नोसिखिया समझे जाने वाले अरविंद केजरीवाल की बड़ी कूटनीति का हिस्सा हो सकता है. सीधे शब्दों में बोलें तो केजरीवाल यही मैसेज तो दिल्ली की आवाम तक पहुंचाना चाहते थे. पांच साल जो राज कर लेता है उसके विरोध में एक राजनीतिक हवा चलती है, जिसे एंटी इंकमबेंसी कहा जाता है यानि सरकार विरोधी हवा. लेकिन अरविंद केजरीवाल के पांच घंटे के रोड शो और उसमें उमडी भीड ने साबित कर दिया कि दिल्ली में केजरीवाल का जलवा अभी बाकी है.
बता दें, 2015 में भी अरविंद केजरीवाल के साथ ऐसा ही हुआ था. उस समय भी केजरीवाल का रोड शो तय समय तक एसडीएम कार्यालय नहीं पहुंच सका था. सो उन्होंने अगले दिन जाकर नामांकन भरा था. अब एक बार फिर 2020 में भी वही सबकुछ हुआ जो 2015 में हुआ था. केजरीवाल तय समय पर अपनी मां का आशीर्वाद लेकर नामांकन भरने के लिए घर से निकले जरूर लेकिन निर्वाचन अधिकारी कार्यालय तक नहीं पहुंच पाए.
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 21 जनवरी है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल अपना नामांकन अब मंगलवार को दाखिल करेंगे. वहीं यह भी दिलचस्प है कि दोनों दिग्गज पार्टियां भाजपा और कांग्रेस अभी तक नई दिल्ली से अपने प्रत्याशी की घोषणा खबर लिखे जाने तक नहीं कर सकीं हैं. दोनों ही पार्टियां में केजरीवाल के सामने किसी मजबूत चेहरे को उतारने की कवायद जारी है और सोमवार रात तक कभी भी दोनों पार्टियां अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देंगीं.