NCERT की किताबों पर राजनीति: कांग्रेस को बताया भारत-पाक विभाजन का दोषी

कांग्रेस ने जताई आपत्ति, आरएसएस को बताया इतिहास का सबसे बड़ा विलेन, कहा - ऐसी किताबों को आग लगा दो..

ncert partition module controversy
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NCERT की किताबों पर अब राजनीति शुरू हो गयी है. NCERT ने कक्षा 6 से 8 और 9 से 12 के लिए भारत-पाक बंटवारे पर 2 नए मॉड्यूल जारी किए हैं. ये सामान्य किताबों से अलग हैं. इसमें लिखा है कि बंटवारे की मांग मोहम्मद अली जिन्ना ने की, कांग्रेस ने इसे मान लिया और लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे लागू किया. यह जानकारी ‘विभाजन के दोषी’ नामक हिस्से में दी गई है. विभाजन विभाषिका स्मृति दिवस (14 अगस्त) पर ये नए मॉड्यूल तैयार किए गए हैं. हालांकि ये नियमित किताबों का हिस्सा नहीं हैं लेकिन कांग्रेस ने इन मॉड्यूल पर आपत्ति जताई है और पलटवार में आरएसएस को इतिहास का सबसे बड़ा विलेन बताते हुए इन किताबों को आग लगाने की बात कही.

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जवाब में बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को जिन्ना की जहरीली सोच वाला बताकर आग में घी डालने का काम किया. अब दोनों ओर से बयानबाजी के साथ अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी इन सत्ताधारी बीजेपी सरकार की तीखी आचोलना की है.

जिन्ना की मजार पर सजदा करने गए आडवाणी

किताबों पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बंटवारे पर सफाई देते हुए कहा कि बंटवारा हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की जुगलबंदी से हुआ था. खेड़ा ने तीखी आलोचना करते हुए कहा, ‘इतिहास का कोई सबसे बड़ा विलेन है तो RSS है. उन्होंने जो किया है, पीढ़ियां उनको माफ नहीं करेंगी. RSS ने उस वक्त के 25 साल मुख बंदी और जुगलबंदी करते हुए गुजारे. आडवाणी जिन्ना की मजार पर सजदा करने गए थे.’ उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरह से भाजपा की ओर से संस्थाओं में लगातार हस्तक्षेप करते हुए इतिहास को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है, हम चुप नहीं बैठेंगे.

अन्य ​पार्टियों ने भी मुखर होकर उठाई आवाज

इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अगर इतिहास के पन्ने पलटकर देखेंगे तो उसमें कई बाते लिखी हैं कि किस-किस ने माफी मांगी थी, सब सामने आ जाएगा.​ वहीं राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि इतिहास किसी की सोच से नहीं बदलता, उसका पूरा संदर्भ होता है. ये लोग गांधी को भी दोषी ठहराते हैं, कांग्रेस को नहीं. यही इनकी सोच है. भाजपा को नफरत की भाषा ही आती है और ये नफरत के बीज बोने में माहिर हैं. लेकिन अब ये फसल हमारे देश में नहीं उगने वाली.

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इधर, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित अपने तीखी अंदाज में दावा किया आज एनसीईआरटी बीजेपी के कब्जे में है, जिन्हें बंटवारे के बारे में कुछ पता ही नहीं है. उन्होंने NCERT को बहस की चुनौती भी दी है.

बीजेपी का पलटवार, राहुल गांधी पर हमला

कांग्रेस सहित विपक्ष की आलोचना पर जवाबी पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि जिन्ना और राहुल की सोच एक जैसी है और दोनों एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं. हम सब जानते हैं कि अखंड भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था. जिन्ना की जहरीली सोच, तुष्टिकरण और सांप्रदायिकता वही सोच आज नकली गांधी यानी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी में दिखाई देती है.

वहीं पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस सच्चाई से भागना चाहती है. उस समय सत्ता में मुस्लिम लीग, नेहरू की अगुआई वाली कांग्रेस और माउंटबेटन थे. वे बंटवारा रोक सकते थे लेकिन सत्ता की लालच और तुष्टिकरण की राजनीति में जो गलत फैसले लिए गए, उसकी कीमत आज तक देश चुका रहा है. बंटवारे में लाखों लोग मारे गए, करोड़ों घर उजड़ गए. अब जब हम इसे याद करते हैं तो कांग्रेस विरोध करती है.

विवादित रही हैं इस बार की किताबें

नए सत्र की NCERT की पुस्तकें इस बार विवादों में रही हैं. कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की क‍िताब में मुगल शासकों के धार्मिक फैसले, सांस्‍कृतिक योगदान और क्रूरता की नई व्याख्या की गई है. ये किताब 2025-26 एकेडमिक सेशन से ही स्‍कूलों में लागू होगी. किताब में बनारस, मथुरा और सोमनाथ में मंदिरों को तोड़ने और जैन, सिख, सूफी और पारसी समुदायों पर अत्याचार की घटनाओं का भी जिक्र है. इन पुस्तकों पर भी काफी विवाद हो चुका है. हालांकि जिस तरह विभाजन विभाषिका पर ध्यान केंद्रित रखते हुए कांग्रेस को ‘विभाजन का दोषी’ बताया गया है, आगे जाकर यह विवाद बढ़ता निश्चित जान पड़ता है.

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