हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद शुरू हुए सियासी कयास, अनिरुद्ध सिंह ने क्यों कहा इट मार्क्स द स्टार्ट !

इस्तीफा देने की वजह पूछने पर हेमाराम ने कहा कि एक बार इस्तीफा मंजूर हो जाए तब करूंगा खुलासा, राजनीतिज्ञ बोले- सचिन पायलट खेमे की रणनीति का हिस्सा, डोटासरा जुटे डेमेज कंट्रोल करने में, आगामी दिनों में बड़ी राजनीतिक उठापटक देखने को मिल सकती है, सीपी जोशी इस्तीफा मंजूर करते हैं या नहीं इस पर भी बहुत कुछ करेगा निर्भर

hemaram choudhary news
hemaram choudhary news

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में जारी कोरोना महासंकट के कहर से अभी गहलोत सरकार निकल भी नहीं पाई थी कि पिछले साल की तरह ही इस बार भी सत्ता पर सियासी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कोरोना की पहली लहर के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी के चलते 17 विधायकों ने बगावत कर दी थी. इसी प्रकार अब कोरोना की दूसरी लहर में भी पायलट गुट के वरिष्ठ विधायक और प्रमुख रणनीतिकार हेमाराम चौधरी के विधायक पद से इस्तीफे की खबर ने कांग्रेस के सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच अंदरखाने चली आ रही पुरानी सियासी खींचतान एक बार फिर खुलकर बाहर आ गई है.

ईमेल और डाक से अलग-अलग अपने इस्तीफे की कॉपी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेजते हुए गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने लिखा कि ‘राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम-173 के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र गुड़ामालानी की विधानसभा की सदस्यता का त्याग पत्र संलग्न कर प्रेषित कर रहा हूं, जिसे कृपया आज ही स्वीकृत करने की कृपा कराएं.’ वहीं हेमाराम चौधरी का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को मिलने की पुष्टि भी हो गई है. हेमाराम के इस्तीफे के बाद विधानसभा ने लिखित बयान जारी किया कि- मंगलवार को विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा ई मेल से मिला है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. वहीं इस्तीफा देने की वजह पूछने पर हेमाराम ने कहा कि एक बार इस्तीफा मंजूर हो जाए तब खुलासा करूंगा.

यह भी पढ़े:- सीएचसी और पीएचसी तक युद्ध स्तर पर मेडिकल व्यवस्थाओं को सुदृढ बनाया जाए- सीएम गहलोत

आठ बार चुनाव लड़कर 6 बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. राजनीतिक जानकार इसे सचिन पायलट खेमे की रणनीति का हिस्सा मानकर चल रहे हैं. पिछले साल मई में राज्यसभा चुनावों के वक्त विधायकों की बाड़ेबंदी हुई थी, अब एक साल बाद हेमाराम के इस्तीफे के बाद फिर से सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. राजनीति के जानकार हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को आगे आने वाले सियासी संकट के संकेत के तौर पर देख रहे हैं. इसके बाद आने वाले दिनों में कई बड़ी राजनीतिक हलचलें देखने को मिल सकती हैं, जिसके तहत और भी विधायकों के इस्तीफे हो सकते हैं.

इट मार्क्स द स्टार्ट !
हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद प्रदेश में आगे और बड़ी राजनीतिक हलचलों के कयास लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस के ही विधायक और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने हेमाराम चौधरी के इस्तीफा दिए जाने के बाद ट्वीट किया है ‘इट मार्क्स द स्टार्ट ! ‘ अनिरुद्ध सिंह के इस ट्वीट के मायने हैं कि यह शुरुआत को दर्शाता है. यानि आगामी दिनों में बड़ी राजनीतिक उठापटक देखने को मिल सकती है. हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस अब मान मनौव्वल के जरिये हेमाराम चौधरी को मनाने के प्रयास करेगी, यहां तक कि गोविंद सिंह डोटासरा ने इसकी शुरुआत भी कर दी है.

पारिवारिक मामला है, जल्द ही मिल बैठकर सुलझा लिया जाएगा- डोटासरा
हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने डेमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने हेमाराम चौधरी से फोन पर बात कर उन्हें मनाने की कोशिश की. डोटासरा ने हेमाराम से फोन पर बात करने के बाद ट्वीट कर जल्द मामला सुलझाने का दावा भी किया है. डोटासरा ने लिखा- हेमाराम जी हमारी पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानीय नेता हैं, उनके विधायक पद से इस्तीफ़े की जानकारी के बाद मेरी उनसे बात हुई है, यह पारिवारिक मामला है, जल्द ही मिल बैठकर सुलझा लिया जाएगा.

यह भी पढ़े:- टूलकिट पर गर्माई सियासत, नड्डा और संबित पात्रा के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराएगी कांग्रेस

इस्तीफे के बताए जा रहे हैं ये कारण
दरअसल, इस बार गहलोत सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने बल्कि हरीश चौधरी को मंत्री बनाए जाने के बाद से हेमाराम चौधरी शुरु से ही नाराज चल रहे हैं. पिछले साल कांग्रेस के सियासी घमासान के दौरान हेमाराम चौधरी पायलट कैंप में शामिल थे. उसके बाद से पायलट कैंप की ओर से मंत्री बनने वाले नेताओं में उनका नाम शामिल था, लेकिन पायलट की मांगों पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है. वहीं स्थानीय स्तर पर मंत्री हरीश चौधरी से उनकी अदावत और पार्टी और सरकार में कामकाज नहीं होने को लेकर उनकी नाराजगी थी.

हेमाराम चौधरी कई बार जता चुके हैं नाराजगी
हेमाराम चौधरी सरकार के खिलाफ कई बार अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर कर चुके हैं. वे सरकार पर अपने क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने क्षेत्र में अधिकारियों के मनमाने ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी अपना विरोध जताया था. हेमाराम चौधरी की ताजा नाराजगी कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर भर्ती से जोड़कर देखी जा रही है. बताया जा रहा है कि वे इसमें अपनी अनदेखी से नाराज थे और पिछले दिनों इसे लेकर कलेक्टर से भी मिले थे. हाल ही विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी हेमाराम चौधरी ने खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.

यह भी पढ़े:- खराब वेन्टीलेटेलर्स को लेकर सीएम गहलोत ने फिर साधा केंद्र पर निशाना, PCC पहुंचाएगी जनता तक राहत

पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हेमाराम चौधरी
हेमाराम चौधरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वे राजस्व उपनिवेशन एवं सैनिक कल्याण विभाग, जल संसाधन, कृषि, परिवार कल्याण विभाग के मंत्री रहे हैं. हेमाराम चौधरी पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद राजस्थान की सियासत को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि यह तीसरा मौका है, जब हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दिया है. पहली बार 25 जुलाई 2013 को रिफाइनरी के मुद्दे पर मंत्री पद से, दूसरी बार 14 फरवरी 2019 को विधानसभा की सदस्यता से और तीसरी बार आज विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा है. इससे पहले भी दो बार इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है.

हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह सिंह डोटासरा और स्पीकर सीपी जोशी क्या कदम उठाते है. सरकार और संगठन मिलकर चौधरी को मना पाते हैं या नहीं, वहीं स्पीकर सीपी जोशी इस्तीफा मंजूर करते हैं या नहीं इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा.

Leave a Reply