पॉलिटॉक्स न्यूज. यूपी में गुनाहों का जीता जागता उदाहरण विकास दुबे आज एनकाउंटर में ढेर हो गया. इसके साथ ही देशभर में सियासी राजनीति और बयानबाजी शुरु हो गई. कांग्रेस ने विकास दुबे के तार एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से जोड़े हैं जबकि मिश्रा ने इसे यूपी पुलिस का साहसिक कारनामा बताया है. वहीं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विकास दुबे को राक्षस कहकर संबोधित किया है. वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है. दिग्वियसिंह, प्रियंका गांधी, कमलनाथ और मायावती सहित कई नेताओं ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं. घटनाक्रम पर कुमार विश्वास भी चुटकी लेने से नहीं चूके. वहीं दिग्गी राजा ने प्रियंका गांधी को मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल लगाने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के महाकाल मंदिर में सरेंडर करने के बाद यूपी पुलिस ने विकास दुबे को अपने कब्जे में लिया और यूपी के लिए निकली. कानपुर की सीमा में घुसते ही पुलिस की उस गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया जिसमें विकास दुबे बैठा था. गाड़ी पलटी और इसी मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे पास बैठे पुलिसकर्मी की पिस्टल लेकर भागने लगा. टीम के फायर करने से विकास दुबे गंभीर घायल हो गया. उसे 3 गोली सीने पर और एक गोली सिर पर लगी. अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया.
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एनकाउंटर पर बयानबाजी की कड़ी की शुरुआत की एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने. दिग्गी राजा ने ट्वीट कर कहा, ‘जिसका शक था वह हो गया. विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा. पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?’
जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2020
वहीं दिग्गी राजा ने कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2020
इस बयान पर बीजेपी के अन्य नेताओं ने तो चुप्पी साधे रखी लेकिन एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह खाली बैठे हुए हैं. वे हर बात को लेकर बयान देने आ जाते हैं. उन्हें इससे मतलब नहीं है कि उसमें सच्चाई कितनी है. उनके पास इसके लिए कई सवाल हैं, लेकिन आम लोगों को देने के लिए उनके पास समय नहीं है.
मिश्रा ने कहा कि कल विकास दुबे को जिंदा पकड़ा था तो सवाल कर रहे थे. आज मर गया तो सवाल कर रहे हैं. उन्हें तो बैठे-बैठे ट्वीट करना ही आता है. बीजेपी नेता ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि जब आतंकी किसी को मारता है तो वे मातम नहीं मनाते, लेकिन उसके मरने पर मातम मनाते हैं.
कांग्रेस को कभी देखा है कि कभी किसी आतंकवादी के मारे जाने पर इतनी त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त की हो? pic.twitter.com/eFrBA6mbsd
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) July 10, 2020
एमपी पुलिस को बचाते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना काम किया. विकास दुबे को गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया. अफसोस और मातम उनके लिए है जो कल कह रहे थे कि ज़िंदा पकड़ लिया, आज कह रहे हैं कि कैसे मर गया.
मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना काम किया, विकास दुबे को गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया। अफसोस और मातम उनके लिए है जो कल कह रहे थे कि ज़िंदा पकड़ लिया, आज कह रहे हैं कि कैसे मर गया। pic.twitter.com/nJ8qpWcV7Z
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) July 10, 2020
वहीं दिग्विजय सिंह पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि दिग्विजय सिंह के ट्वीट कांग्रेस की मानसिकता दिखाते हैंं. वे कभी सेना पर सवाल उठाते हैं तो कभी पुलिस के जांबाजों पर सवाल उठाते हैं.
.@digvijaya_28 जी के ट्वीट @INCIndia की मानसिकता दिखाते हैंं, कभी सेना पर सवाल उठाते हैं, कभी पुलिस के जांबाजों पर सवाल उठाते हैं। pic.twitter.com/nOSLW9gcBW
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) July 10, 2020
इधर, एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने देवेंद्र मिश्र जैसे ईमानदार डीएसपी एवं उनके साथ 8 पुलिस अधिकारी एवं सिपाहियों की निर्मम हत्या करने वाले राक्षस विकास दुबे को मार गिराने के लिए यूपी पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि उसने भाग निकलने की चेष्टा की किंतु वह मार गिराया गया.
1. देवेंद्र मिश्र जैसे ईमानदार डीएसपी एवं उनके साथ 8 पुलिस अधिकारी एवं सिपाहियों की निर्मम हत्या करने वाले राक्षस विकास दुबे को मार गिराने के लिए @Uppolice को बधाई, @Uppolice की जय हो। अभी भी उसने भाग निकलने की चेष्टा की किंतु वह मार गिराया गया |@myogiadityanath @CMOfficeUP
— Uma Bharti (@umasribharti) July 10, 2020
उमा भारती ने कहा कि अब तीन बातें रहस्य की परत में हैं-(1) वह उज्जैन तक कैसे पहुंचा? (2) वह महाकाल परिसर में कितनी देर रहा? (3) उसका चेहरा टीवी पर इतना दिखा कि उसे कोई भी पहचान लेता तो उसको पहचाने जाने में इतना समय कैसे लगा?
मैं @ChouhanShivraj जी से एवं गृह मंत्री @drnarottammisra जी से इस विषय पर बात अवश्य करूंगी किंतु यह सच्चाई तो सामने आ गई कि भगवान महाकाल ने देवेंद्र मिश्र जैसे ईमानदार पुलिस अधिकारी के हत्यारे का संहार कर दिया। @BJP4India @BJP4UP @BJP4MP @CMOfficeUP @CMMadhyaPradesh
— Uma Bharti (@umasribharti) July 10, 2020
वहीं एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक करके 6 ट्वीट करते हुए पूरे घटनाक्रम पर सवालिया निशान लगाया है. कमलनाथ ने कहा कि भगवान महाकाल कभी किसी पापी को बख्शते नहीं लेकिन जिस तरह विकास दुबे का अंत हुआ, कई सवाल बाकी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सावन मास के एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों के तबादले पर भी सवाल उठाए.
भगवान महाकाल कभी किसी पापी को बख्शते नहीं , यह मैंने कल भी कहा था और आज फिर दोहरा रहा हूँ कि महाकाल की नज़रों से कोई भी पापी नहीं बचेगा।
कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का अंत हुआ लेकिन कई सवाल आज भी अनुरत्तरित है।
1/6— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 10, 2020
इन सवालों का सच सामने आना ही चाहिये क्योंकि इस घटना ने हमारे प्रदेश को देश भर में एक बार फिर शर्मशार किया है।
सरकार इन सवालों का जवाब दे ।
6/6— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 10, 2020
रूख करें यूपी की राजनीति का तो यहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसे राजनेता और अपराधियों का गठजोड़ बताया. प्रियंका ने कहा कि कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई है और सच सबके सामने आना चाहिए. साथ ही प्रियंका ने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच कराने की मांग भी की.
उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई।
कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जाँच होनी चाहिए pic.twitter.com/vRHQlsaJ3y
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2020
इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?
अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2020
प्रियंका गांधी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए दिग्गी राजा ने कहा कि मैं प्रियंका से पूर्णतः सहमत हूं. यूपी सरकार न्यायिक जरंच नहीं करायेगी. ऐसे में कांग्रेस को उच्चतम न्यायालय में तत्काल न्यायिक जांच के लिए PIL लगा देना चाहिए.
मैं प्रियंका जी से पूर्णतः सहमत हूं। उत्तर प्रदेश की सरकार न्यायिक जॉंच नहीं करायेगी कॉंग्रेस पार्टी को उच्चतम न्यायालय में तत्काल न्यायिक जॉंच के लिए PIL लगा देना चाहिए। Terms of reference तय करने के लिए AICC Legal Dept को ज़िम्मेदारी देना चाहिए। https://t.co/QnmV3xBhOW
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2020
इधर, एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी घटनाक्रम पर सवाल उठाया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.
दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 10, 2020
इससे पहले कल ही अखिलेश ने यादव ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल की डिटेल सार्वजनिक करने की मांग की थी.
ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस एनकाउंटर कांड की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की है. मायावती ने कहा कि पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके. ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है.
2. यह उच्च-स्तरीय जाँच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2020
इस सियासी बयानबाजी में पूर्व आप नेता कुमार विश्वास ने भी चुटकी ले ली. डॉ. कुमार विश्वास ने इस एनकाउंटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘फिल्मी पटकथाओं में तो वास्तविकता बची नहीं है पर वास्तविकताओं में खूब फ़िल्मी पटकथा बची हैं.’ ट्वीट द्वारा किया गया उनका ये इशारा किस तरफ है, यह लोग बखूबी जानते हैं.
https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1281435403166183424?s=20