टिकट के लिए शक्तावत परिवार में सियासी भूचाल, भाई की पत्नी की उम्मीदवारी के विरोध में उतरा भाई

वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव से पहले 'राजनीतिक भूचाल', शक्तावत परिवार में फूट लड़ाई सड़क पर, दिवंगत गजेन्द्र शक्तावत के बड़े भाई देवेन्द्र के बगावती तेवर, प्रीति शक्तावत को टिकट देने पर निर्दलीय उतरने की दी चेतावनी, पूर्व विधायक गजेंद्र शक्तावत के बड़े भाई ने अपने ही भाई और उनकी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए, प्रीति ने सीएम से मुलाकात कर पहले ही खोल दिए थे पत्ते

टिकट के लिए शक्तावत परिवार में सियासी भूचाल
टिकट के लिए शक्तावत परिवार में सियासी भूचाल

Politalks.News/Rajasthan. उदयपुर के वल्लभनगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. लेकिन सोमवार को वल्लभनगर की राजनीति में नया मोड़ आ गया. रक्षाबंधन के अगले ही दिन वल्लभनगर में शक्तावत परिवार की राजनीति कांग्रेस में सड़क पर आ गई. वल्लभनगर सीट से कांग्रेस में टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के ही बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत ने अपने ही छोटे भाई के खिलाफ बगावती सुर छेड़ दिए. देवेंद्र ने पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत पर गंभीर आरोप भी लगाए. देवेंद्र ने यहां तक कह डाला कि ‘अगर प्रीति शक्तावत को टिकट मिला तो वो कांग्रेस पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव में उतरेंगे’.

आपको बता दें कि वल्लभनगर विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का 7 माह पूर्व कोरोना से निधन हो गया था. अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं. शक्तावत परिवार की परंपरागत सीट पर कांग्रेस से गजेंद्र की पत्नी प्रीति शक्तावत और उनके बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत सहित कई लोग दावेदारी कर रहे हैं. मगर गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है.

अब इससे नाराज देवेंद्र शक्तावत ने आरोप लगाया है कि, ‘कांग्रेस पार्टी उनके पिता स्व. गुलाबसिंह शक्तावत के आदर्शों और उसूलों के साथ कांग्रेस की रीति-नीति का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने की मंशा रखती है तो वे कांग्रेस पार्टी छोडक़र कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रवासियों की मान सम्मान की लड़ाई चुनाव में निर्दलीय खड़े होकर लड़ेंगे‘. इस दौरान उनके साथ ब्लॉक अध्यक्ष भींडर डॉ. कमलेन्द्रसिंह बेमला, ब्लॉक अध्यक्ष वल्लभनगर सुनील कूकड़ा, नगर अध्यक्ष भींडर पूरण व्यास सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे. इस बारे में देवेंद्र शक्तावत की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भी भेजा गया है.

कांग्रेस नेता और गजेन्द्र सिंह के भाई देवेन्द्र शक्तावत ने कहा कि, ‘उनके अनुज गजेंद्रसिंह शक्तावत को 2008 में कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया. तब कांग्रेस के समस्त निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत कर इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया लेकिन उसके बाद वल्लभनगर विधानसभा सीट पर कांगेस पार्टी का ग्राफ निरन्तर गिरता गया. वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा और 2018 के चुनाव में प्रदेश में कांगेस पार्टी की प्रचंड लहर के बावजूद हम वल्लभनगर विधानसभा में 30 प्रतिशत मत पाने में ही सफल हो पाए’. देवेन्द्र सिंह ने कहा कि, ‘हम चुनाव तो जीत गये लेकिन उसके बाद पार्टी का वरिष्ठ व्यक्ति पदाधिकारी और कार्यकर्ता हमेशा खुद को ठगा सा महसूस करने लगा. पंचायतीराज चुनाव 2020 में कांग्रेस पार्टी को 6 जिला परिषद सदस्य में से 5 पर करारी हार का सामना करना पड़ा’.

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वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र स्थित 3 पंचायत समितियों वल्लभनगर, कुराबड़, भींडर में से एक पर भी कांगेस पार्टी का प्रधान काबिज नहीं हो पाया. शहरी निकाय चुनाव में भींडर नगरपालिका टिकट वितरण में धांधली करने से पार्टी बुरी तरह से हार गई. साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव में वल्लभनगर विधानसभा में इन्हीं धांधलियों के कारण कांग्रेस पार्टी को 80,000 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा.

दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद उनकी पत्नी को सचिन पायलट कैंप का माना जा रहा था. हाल ही में प्रीति शक्तावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है. इसके बाद प्रीति के गहलोत कैंप में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गई थी. प्रीति शक्तावत के पति गजेंद्र सिंह शक्तावत पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के काफी करीबी थे. गजेंद्र सिंह मानेसर की बाड़ेबंदी में थे और अशोक गहलोत के खिलाफ जमकर मोर्चा खोलते थे. गजेंद्र सिंह हर मोर्चे पर सचिन पायलट के साथ नजर आए थे. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि प्रीति शक्तावत भी सचिन पायलट खेमे में रहेंगी. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई मुलाकात के बाद उनकी वल्लभनगर सीट से दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद प्रीति शक्तावत ने सफाई दी थी कि, ‘वल्लभनगर विधानसभा में फिलहाल कोई विधायक नहीं है, ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाते मैंने अशोक गहलोत जी से मुलाकात की थी, इसमें सिर्फ वल्लभनगर क्षेत्र में लंबित विकास कार्यों को जल्द से जल्द शुरू कराने की मांग की, ताकि दिवंगत गजेंद्र सिंह के अधूरे सपनों को पूरा किया जा सके’, प्रीति शक्तावत कह चुकी हैं कि, ‘कांग्रेस पार्टी जिन्हें भी टिकट देगी. हम उनके साथ में रहेंगे अगर पार्टी मुझे मौका देगी, तो मैं पूरे वल्लभनगर परिवार को साथ लेकर चलूंगी’.

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इधर, देवेन्द्र शक्तावत ने कहा कि, ‘वे कांग्रेस परिवार के निष्ठावान, समर्पित सिपाही हैं’. तो प्रीति शक्तावत ने कहा है कि, ‘कांग्रेस का ग्राफ नीचे गिरा होता तो उदयपुर जिले में कांग्रेस की सिर्फ 2 में से 1 सीट वल्लभनगर नहीं होती’, अब देखना होगा कि वल्लभनगर की सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है. लेकिन, कांग्रेस के सामने इन सभी उम्मीदवारों में से एक को टिकट देना बड़ा ही दुश्वार नजर आ रहा है.

वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में शक्तावत परिवार के साथ ही अब अन्य नेता भी टिकट की दौड़ में शामिल हो गए हैं. इनमें दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत, गजेंद्र सिंह के बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत, कांग्रेसी नेता भीम सिंह चुंडावत समेत कुबेर सिंह चावड़ा का नाम शामिल है.

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