Politalks.News/PunjabElection. पंजाब का चुनाव (Punjab Politics) अपने परवान पर है. कांग्रेस (Congress) जहां अब तक कलेक्टिव लीडरशिप को लेकर चुनाव में उतरने की तैयारी कर चुकी है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा-कैप्टन अमरिंदर और संयुक्त अकाली दल के गठबंधन ने भी आकार ले लिया है. इन सबके बीच आप भी भगवंत मान (Bhagwant Maan) का नाम मुख्यमंत्री चेहरे के लिए कर मजबूती से आगे बढ़ रही है. इन सबके बीच सियासी गलियारों में बड़ी चर्चा अब भी वयोवृद्ध नेता और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) की और से लगातार लगाए जा रहे आरोपों को लेकर हो रही है. कैप्टन सिद्धू (Navjot Singh sidhhu) और चन्नी (Charanjeet Singh Channi) पर आरोप तो लगा रहे हैं लेकिन क्या वो खुद की भद्द नहीं पिटवा रहे हैं? क्योंकि जिस समय के कैप्टन आरोप लगा रहे हैं उस समय वो राज्य के मुख्यमंत्री थे और अब उनके नीचे मंत्री रहे चन्नी और सिद्धू पर वो लगातार आरोप लगा रहे हैं. बता दें, सिद्धू को मंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान के पीएम इमरान का फोन आने की बात कहने वाले कैप्टन के पाकिस्तानी पत्रकार से रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं.
कांग्रेस से अलग हुए कैप्टन के निशाने पर चन्नी और सिद्धू
भारत में दलबदल कोई नई बात नहीं है. नेता दलबदल करते रहे हैं नई पार्टियां भी बनाते रहे हैं. गोवा में तो पिछले 5 साल के अंदर 60 फीसदी विधायकों ने दलबदल किया. लेकिन पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसी मिसाल कहीं नहीं मिलेगी. आज तक दलबदल करने वाला कोई नेता ऐसा नहीं दिखा, जो अपनी पिछली पार्टी के प्रति इतनी कड़वाहट से भरा हो या उसके राज खोलें हों. पार्टी छोड़ने के बाद ज्यादातर नेता अपनी पुरानी पार्टी पर हमला करने से कतराते रहे हैं और अगर करते हैं तो थोड़ी बहुत बयानबाजी के बाद अपने काम में लग जाते हैं. लेकिन कैप्टेन हर दिन कोई न कोई झूठा-सच्चा दावा कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस की कम और उनकी अपनी भद्द ज्यादा पीट रही है.
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बड़ा सवाल- चन्नी अगर बालू की तस्करी करवाते थे तो सीएम कैप्टन ने क्यों करवाने दी?
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने के बाद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को भ्रष्ट बताते हुए कहा है कि, ‘चन्नी बालू की तस्करी कराते थे. अब सवाल है कि जब कैप्टन खुद मुख्यमंत्री थे और उस समय चन्नी बालू की तस्करी कराते थे तो कैप्टन ने उसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? यह तो उनकी कमी थी, जो उनकी नाक के नीचे तस्करी होती रही और उन्होंने नहीं रोका? वहीं कैप्टन तो ये भी कह चुके हैं कि चन्नी को उन्होंने MeToo मामले में बचाया था.
सिद्धू रेत तस्करों को बचाते थे तो सीएम कैप्टन क्या करते थे?
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष और उनकी सरकार में मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू पर आरोप लगाया कि, ‘सिद्धू रेत के तस्करों को बचाते थे. जब सिद्धू तस्करों को बचाते थे तब बतौर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह क्या करते थे?
सिद्धू के लिए पाकिस्तान से फोन आया था तो अब तक चुप क्यों थे कैप्टन?
सबसे बड़ी हद तो अब कैप्टन ने कर दी है. पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने एक बेसिर पैर का दावा यह किया है कि जब उन्होंने सिद्धू को सरकार से हटाया था तब पाकिस्तान से सिद्धू को मंत्री बनाए रखने के लिए फोन आया था. ये बात अमरिंदर ने उस समय क्यों नहीं बोली? जबकि पाकिस्तान की एक पत्रकार अरुषा आलम उनके महल में रहती थीं और वे दूसरे पर पाकिस्तानपरस्ती का आरोप लगा रहे हैं.
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राष्ट्रपति शासन की रट पर भाजपा ने भी नहीं दिया ध्यान!
पंजाब के सियासी गलियारों में चर्चा यह भी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जब से मुख्यमंत्री पद से हटे हैं और कांग्रेस पार्टी छोड़ी है तब से वे कई बार राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं. कैप्टन जब भी दिल्ली में भाजपा के नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों से मिलते हैं तो राष्ट्रपति शासन की मांग करते हैं. पंजाब में इन दिनों कोई सड़क दुर्घटना भी हो जा रही है तो वे राष्ट्रपति शासन की मांग कर देते हैं. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होने पर कैप्टन ने राष्ट्रपति शासन की मांग की. लेकिन मजे की बात यह है कि केन्द्र सरकार के किसी भी मंत्री या भाजपा के किसी भी नेता ने उनका समर्थन नहीं किया. दरअसल कैप्टन के इस मांग को तो किसी ने सीरियस लिया ही नहीं. ऐसे में चर्चा है कि कैप्टन पंजाब में बयानबाजी कर अपनी भी भद्द पिटवा रहे हैं.