Politalks.News/Delhi. उत्तर प्रदेश में जारी चुनावी जंग के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) और समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बीच हुई शिष्टाचार मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुलायम सिंह यादव की मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा (BJP) द्वारा जानबूझकर इस फोटो को वायरल किया गया है. सपा-संघ को एक साथ दिखा कर भाजपा विरोधी वोटों को बिखरने की रणनीति है. दोनों दिग्गजों की इस मुलाकात पर कांग्रेस ने तंज भी कसा है. इधर सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई. ये फोटो केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने पोस्ट की है. इधर इस फोटो के सामने आने के बाद भाजपा-कांग्रेस और सपा के बीच जमकर बयानबाजी भी हो रही है.
एक सोफे पर बैठे दिखे भागवत और मुलायम
यह तस्वीर उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू के घर शादी समारोह की है. इस तस्वीर में संघ प्रमुख मोहन भागवत और लाल टोपी पहने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक ही सोफे पर बैठ हुए नजर आ रहे हैं. दोनों दिग्गजों के बीच बातचीत भी हुई, उनकी यह मुलाकात भले ही एक शादी में एक सामान्य मुलाकात हो, लेकिन दो अलग-अलग विचारधाराओं से जुड़ी इन हस्तियों की इस मुलाकात पर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. इस फोटो में यूपी चुनाव के लिए भाजपा के प्रदेश सहप्रभारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी दिख रहे हैं.
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‘नई सपा’ में ‘स’ का मतलब संघवाद है- कांग्रेस
उत्तरप्रदेश कांग्रेस ने मुलायम सिंह यादव और संघ प्रमुख मोहन भागवत की इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि, ‘नई सपा’ में ‘स’ का मतलब संघवाद है’. जाहिर है इस तस्वीर के बहाने कांग्रेस सपा पर निशाना साधने की कोशिश कर रही है. दरअसल, कई मौकों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस और भाजपा को एक ही बताते हैं. अखिलेश कहते है कि, ‘जिस तरह कांग्रेस ने शासन किया भाजपा भी उसी तरह से डरा कर शासन कर रही है’. इस तस्वीर के बहाने कांग्रेस को अखिलेश को घेरने का एक मौका मिल गया है.
"नई सपा" में 'स' का मतलब 'संघवाद' है? pic.twitter.com/7qlUsDP9X9
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 20, 2021
सपा का तंज-‘राजनीतिक शिष्टाचार भूल चुकी है कांग्रेस!’
वहीं, इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस पर शिष्टाचार भूलने का आरोप लगाया. समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि, ‘राजनीतिक शिष्टाचार भूल चुकी है कांग्रेस! जिस कार्यक्रम की तस्वीर लगा रही कांग्रेस, उसी कार्यक्रम में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेताओं ने भी लिया नेताजी का आशीर्वाद. इस पर क्या कहेगी कांग्रेस ?’
राजनीतिक शिष्टाचार भूल चुकी है कांग्रेस!
जिस कार्यक्रम की तस्वीर लगा रही कांग्रेस उसी कार्यक्रम में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेताओं ने भी लिया नेताजी का आशीर्वाद।
इस पर क्या कहेगी कांग्रेस ? @INCUttarPradesh https://t.co/DtuDl75BiS pic.twitter.com/QwehgvYnbx
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 21, 2021
‘तस्वीर बहुत कुछ बोलती है’
कांग्रेस और सपा की लड़ाई में भाजपा भी कूद पड़ी. उत्तरप्रदेश यूपी की ओर से भी इस मुलाकात पर ट्वीट कर कहा- ‘तस्वीर बहुत कुछ बोलती है’.
तस्वीर बहुत कुछ बोलती है। pic.twitter.com/LYyaIbUco6
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) December 21, 2021
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट की तस्वीर, कांग्रेस ने कसा तंज
दरअसल, तस्वीर को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने ट्वीट की है. सोमवार को उनका जन्मदिन भी था और इस कार्यक्रम में मौजूद मोहन भागवत से आशीर्वाद लेते हुए उनकी तस्वीर में ही मुलायम सिंह यादव भी संघ प्रमुख के साथ सोफे पर बैठे दिखाई दे रहें है. इस तस्वीर के सामने आने के बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसा है.
वैंकेया के घर जुटे थे दिग्गज
उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू की नातिन निहारिका के विवाह समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना भी पहुंचे थे. यह रिसेप्शन उप राष्ट्रपति के निवास पर आयोजित किया गया था. निहारिका का विवाह हाल ही में रवितेजा के साथ संपन्न हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा तमाम केंद्रीय मंत्री, सांसद और सरकारी अधिकारी भी इस समारोह में शरीक हुए.
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सियासी चर्चाओं का दौर
सियासी गलियारों में इस तस्वीर को लेकर चर्चा है कि, आखिर भाजपा ने संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुलायम सिंह यादव की तस्वीर क्यों ट्वीट की? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, ‘सपा-भाजपा को एक साथ दिखाकर भाजपा विरोधी वोटों को बिखेरने की रणनीति है’. यूपी चुनाव में भाजपा का एक ही लक्ष्य है कि विपक्षी वोट को किसी ना किसी तरह से बांटा जाए.