पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लगता है हाल ही में बीते गुरुवार को कांग्रेस की महानायिका और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अंडरवर्ल्ड से रिश्ता बताने, फिर माफी मांगने और उसके बाद बयान वापस लेने वाले शिवसेना नेता संजय राउत महाराष्ट्र में नवगठित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी छीन कर ही मानेंगे. राउत के बयानों से लगता तो ऐसा ही है, संजय राउत ने शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘जो लोग वीर सावरकर की आलोचना करते हैं, उनका विरोध करते हैं, उन्हें अंडमान सेलुलर जेल में सिर्फ दो दिन के लिए भेज दो‘. संजय राउत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कि महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से शिवसेना की उद्धव ठाकरे सरकार चल रही है.
14 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई कांग्रेस की रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है’ क्या बोला, इस पर शुरु हुई राजनीति अब तक जारी है. इसी बीच शिवसेना सांसद और सामना के संपादक संजय राउत ने इस राजनीतिक मुद्दे को फिर से हवा दे दी. वो भी तब जबकि महाराष्ट्र में सरकार की गाड़ी एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के तीन पहियों पर चल रही है. इस तीन पहिए की गाड़ी का बैलेन्स पिछली बार की दो पहियों की या चार पहियों वाली गाड़ी जैसा अभी नहीं बन पाया है. इस तीन पहियों की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठे उद्धव ठाकरे के नट-बोल्ट रूपी खेमे से ऐसी आवाजें आ रहीं हैं जिनका कोई महत्व नहीं है. राजनीतिक भाषा में कहें तो ठाकरे खेमे के नट बोल्ट रूपी संजय राउत के ऐसे बयान आ रहे हैं जिनका कोई महत्व नहीं है. ऐसे में अगर इस तीन पहिए की गाड़ी में आ रही इन आवाजों पर ध्यान देकर समय रहते इसको ठीक नहीं किया गया तो एक दिन नट बोल्ट के खुलने में और इस गाड़ी के पलटने में वक़्त नहीं लगेगा.
दरअसल, कांग्रेस सेवा दल की हालिया प्रकाशित एक किताब में सावरकर पर किए गए कुछ आपत्तिजनक दावों के बाद ये मुद्दा फिर से खुलकर सामने आ गया. इस पर राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं फिर चाहें वे किसी भी विचारधारा या पार्टी से हों, उन्हें अंडमान के सेलुलर जेल में दो दिन रहने दें, जहां सावरकर को बंधक बनाया गया था. तब उन्हें उनके बलिदान और उनके योगदान का अहसास होगा. राउत ने ये भी कहा कि सावरकर महान थे और रहेंगे. जो लोग उनकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं और उनकी आलोचना कर रहे हैं, उनके दिमाग में गंदगी भरी है.
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत अच्छे से जानते हैं कि वीर सावरकर का नाम कांग्रेस और उसकी विचारधारा से जुडा कोई भी शख्स सुनना नहीं चाहता है. उसके बावजूद भी उनका यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण हो जाता है. या तो राउत उद्धव ठाकरे से हटकर बाला साहब ठाकरे के विचार से अलग नहीं जाना चाहते हैं. यानि कि कांग्रेस से जुडने के बाद भी हिंदुत्व के एजेंडे को छोडना नहीं चाहते हैं या फिर वो नहीं चाहते कि शिवसेना अपना मूल विचार एक तरफ रखकर सिर्फ सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ आगे बढ़े.
संजय राउत का ये बयान गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंडरवर्ल्ड से रिश्तों पर दिए बयान के बाद आया है, जिस पर राउत को कांग्रेस की नाराजगी के बाद माफी मांगते हुए अपना बयान वापस लेना पड़ा था.अब संजय राउत ने वीर सारकर को नहीं मानने वालों को अंडमान निकोबार जेल भेजने की सलाह देकर देश में नया राजनीतिक विवाद छेड दिया है. इस मुद्दे पर बीजेपी एक बार फिर कांग्रेस को घेरने में जुट गई है. बीजेपी नैत्री और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी चाहें तो भी 10 पीढ़ियों के बाद भी वीर सावरकर जैसे साहसी नहीं बन पाएंगे.
वहीं संजय राउत के इस बयान पर शिवसेना की ओर से महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि ये उनका निजी बयान है. शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन मजबूत है और हम राज्य के विकास के लिए एक साथ आए हैं. हम कुछ मुद्दों पर अलग-अलग विचार रख सकते हैं लेकिन यह लोकतंत्र है. इतिहास की जगह हमें वर्तमान मुद्दों पर बात करने की जरूरत है.
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दूसरी ओर, सावरकर के पोते और बीजेपी नेता रंजीत सावरकर ने संजय राउत का समर्थन करते हुए कहा कि मैं उनके बयान का स्वागत करता हूं. अतीत में भी शिवसेना ने सावरकर की मानहानि का आक्रामक विरोध किया है. मुझे उम्मीद है कि शिवसेना अब कांग्रेस नेताओं को सावरकर का विरोध न करने के लिए मनाएगी. बीजेपी नेता ने कहा कि असल में यह राहुल गांधी को एक सलाह है क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बात को दोहराते हैं. संजय राउत ने राहुल गांधी को गोवा और अंडमान जेल जाने के लिए कहकर हिम्मत दिखाई है.
इस मामले पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले राकंपा प्रमुख शरद पवार ने भी संजय राउत को आड़े हाथ लेते हुए इशारों में जताया कि पांच साल सरकार चलानी है और सभी नेता बुद्धिमान एवं परिपक्व हैं, जिन्हें सलाह देने की जरूरत नहीं है. पवार ने ये भी कहा कि वास्तव में हम सभी लोग कांग्रेसी हैं और कांग्रेस के लोग व्यावहारिक सोच रखते हैं. ऐसे में शिवसेना सांसद को बेवजह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.