पूरे देश में रेल पटरियां अवरूद्ध करने की चेतावनी, धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की FIR

अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई, तो हम रेल पटरियां अवरुद्ध करेंगे, इसकी तारीख तय कर जल्द ही करेंगे घोषणा, रेल पटिरियां सिर्फ पंजाब और हरियाणा में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अवरुद्ध की जाएंगी- किसान नेता बूटा सिंह, किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने और महामारी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत हुआ मुकदमा दर्ज

45760 Kisan Andolan
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Politalks.News/Delhi/Farmers Protest. केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरुवार को कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे रेल पटरियां अवरुद्ध कर देंगे. किसान संघों ने गुरुवार को हुई अपनी बैठक के बाद कहा कि वे देश भर में रेल पटरियां अवरुद्ध करने की तारीख का जल्द ही ऐलान करेंगे. वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की है. किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने और महामारी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत 7 दिसंबर को अलीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 16 दिनों से जारी है. किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले. वहीं, सरकार संशोधन के लिए तैयार है. सरकार का साफ कहना है कि वो तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी. दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हैं, जिसके कारण टकराव बढ़ता जा रहा है. सरकार की ओर से किसानों को समझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

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सिंघू बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में किसान संघों ने कहा कि वे विरोध-प्रदर्शन को तेज करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले सभी राजमार्गों को जाम करना शुरू करेंगे. किसान संगठनों ने तो यहां तक कह दिया है कि सरकार से अब कोई बातचीत नहीं होगी, क्योंकि इतने दिनों से सिर्फ चर्चा ही हो रही है, सरकार हमारी मांगों पर अब फैसला ले बस. गौरतलब है कि दिल्ली में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद पिछले करीब दो सप्ताह से किसान सिंघू बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. वे नये कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रखने की मांग कर रहे हैं.

सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि, ‘अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई, तो हम रेल पटरियां अवरुद्ध करेंगे. हम इसकी तारीख तय कर जल्द ही घोषणा करेंगे. रेल पटिरियां सिर्फ पंजाब और हरियाणा में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अवरुद्ध की जाएंगी.’ किसानों ने यह घोषणा ऐेसे वक्त की है, जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत जारी है और ऐसे में आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करना उचित नहीं है. तोमर ने किसान संघों से फिलहाल बातचीत करने को कहा है.

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सरकार और किसानों में नहीं बन रही बात

केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को भी किसानों की समझाने की कोशिश की गई. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को समझाया कि जो कानून बने हैं वो उनके हक में हैं और अगर कोई समस्या है तो सरकार उस पर विचार के लिए तैयार है. कृषि मंत्री ने किसानों से प्रस्तावों पर फिर से विचार करने की अपील की है. वहीं कृषि मंत्री की अपील पर किसान नेताओं ने कहा कि पहले भी बहुत बार बात हो चुकी है लेकिन कानून रद्द करने से कम पर समझौते का सवाल नहीं है. किसानों की ओर से कहा गया कि सरकार बार-बार जोर देकर कहती है कि ये कानून किसानों के लिए लाभदायक हैं, लेकिन सरकार कानूनों के विरोध के सवालों पर उत्तर देने से साफ बच रही है.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘हम कृषि कानून रद्द कराना चाहते हैं और जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होता, हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा. हमने सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने को कहा था, सरकार ने वो नहीं किया, अब कोई बातचीत नहीं होगी, पहले बहुत चर्चा हो चुकी है.’

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