पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ सीआई विष्णुदत बिश्नोई की शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उनका शव उनके सरकारी क्वार्टर में फंदे से झूलता मिला, जिसके बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप गया. सूत्रों की मानें तो सुसाइड नोट भी मिला है और इसके आधार पर बिश्नोई की मौत को प्रथमदृष्टया मामला खुदकुशी का बताया जा रहा है. 23 साल से पुलिस सेवा में अपना फर्ज निभा रहे विष्णुदत्त बिश्नोई ने पिछले साल सितम्बर, 2019 को राजगढ़ थाने में सीआई का संभाला था. बिश्नोई की मौत को पुलिस तंत्र की विफलता माना जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी सवाल उठाया है और थानाधिकारी की मौत को मौजूदा पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर करारा तमाचा बताया है. बीजेपी नेता ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करने और पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने का सरकार से अनुरोध किया है.
उपनेता प्रतिपक्ष व चूरू विधायक राजेंद्र राठौड़ ने थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई के निधन पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है. राठौड़ ने इस संबंध में दूरभाष पर पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव व अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप से बात कर अधिकारी विष्णुदत्त को न्याय दिलाने के लिए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच के साथ साथ आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले राजनीतिज्ञ व पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की.
राठौड़ ने कहा कि एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में जन मानस में बेहद लोकप्रिय छवि के पुलिस अधिकारी विष्णुदत्त का स्थानांतरण किए जाने पर राजनीतिक दबाव पिछले दो माह से पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ था. अपराधियों से गठजोड़ व कमजोर प्रशानसिक क्षमता वाले अधिकारियों के कारण दो दिन पूर्व ही विष्णुदत्त के मातहत काम करने वाले 4 कांस्टेबल को लाइन हाजिर करने व विगत एक माह में सात कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल को अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने पर अकारण हटाये जाने से विष्णुदत्त काफी व्यथित थे. उनके द्वारा किए गए वाट्सएप चैट के प्रमाणित दस्तावेज इसकी पुष्टि भी करते हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि बिगड़ी सरकारी व्यवस्था व स्थानीय राजनीतिज्ञों के अपराधियों के पक्ष में बेजा दबाव से प्रताड़ित होकर एक जांबाज पुलिस अधिकारी की आत्महत्या मौजूदा पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर करारा तमाचा है.
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चूरू विधायक राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि गृहमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की कमजोर पकड़ व निष्पक्ष उच्च पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली का राजनैतिक दृष्टि से आकलन करने का परिणाम यह है कि न सिर्फ प्रदेश में अपराधियों को खुला राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है, अपराधों का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है. इन परिस्थितियों में ईमानदार पुलिस अधिकारी फील्ड पोस्टिंग से बचना चाहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि राजगढ़ (चूरू) से विष्णुदत्त की ईमानदार व कर्त्तव्यनिष्ठ छवि के कारण उनके पक्ष में जब भी स्थानांतरण किए जाने की चर्चा उठी तो दर्जनों व्यापारिक संगठनों व सामाजिक संगठनों ने विभिन्न स्तर पर ज्ञापन देकर उन्हें स्थानांतरित नहीं किए जाने की मांग इस बात को प्रमाणित करती है कि वो अत्यन्त जनप्रिय व निष्पक्ष पुलिस अधिकारी थे. राठौड़ ने कहा कि अनुशासित पुलिस बेड़े में इस प्रकार की घटना से विभाग में कार्यरत पुलिस कांस्टेबल व अधिकारी भी व्यथित है. राठौड़ ने गहलोत सरकार से थानाधिकारी की आत्महत्या के कारक बने राजनीतिज्ञ एवं जिम्मेदारों का चेहरा बेनकाब करने के लिए न्यायिक जांच कराने एवं परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा सहित आश्रित को नियुक्ति देने की मांग की है.