पीएम नरेंद्र मोदी की भाषण देने की कला के सब मुरीद हैं. कई लोग तो यहां तक कहते हैं कि मोदी खा ही बोलने की रहे हैं. धुंआधार बोलते हैं. धाराप्रवाह बोलते हैं. मंच यदि चुनावी सभा का हो तो मोदी का भाषण और धारदार हो जाता है. विपक्ष की ऐसी बखिया उधेड़ते हैं कि विपक्ष के नेता बगले झांकने लगते हैं.
नेताओं की परंपरागत शैली के इतर नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में तुकबंदी का गजब प्रयोग करते हैं. उनकी यह तुकबंदी इतनी हिट रहती है कि मीडिया इनसे सुर्खियां बनाता है और बीजेपी के छोटे-बड़े नेता इन्हें ब्रह्मवाक्य की तरह रट लेते हैं. सियासत के शब्दकोश में नित नए शब्द जोड़ने वाले मोदी ने आज मेरठ की रैली में ऐसी ही तुकबंदी की, लेकिन यह हिट होने की बजाय उनके ही गले पड़ गई.
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने आज मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान की मेरठ से शुरुआत की . रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने महागठबंधन पर तीखा हमला बोला. मोदी ने कहा, ‘सपा का स, रालोद का रा और बसपा का ब, मतलब सराब. ये शराब यूपी की सेहत के लिए हानिकारक है. ये शराब आपको बर्बाद कर देगी.’
#WATCH: PM Narendra Modi says in Meerut, "Sapa (SP) ka 'sha', RLD ka 'Raa' aur Baspa (BSP) ka 'ba', matlab 'sharab'…Sapa, RLD, Baspa, ye 'sharab' aapko barbaad kar degi." pic.twitter.com/Sc7owbEO8p
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2019
मोदी की इस तुकबंदी को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पकड़ लिया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं. सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा 5 साल से दिखा रही है, लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता. अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं.’
आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफ़रत के नशे को बढ़ावा देते हैं
सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा 5 साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 28, 2019
मोदी की ‘सराब’ पर लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने भी चुटकी ली. पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘धत! 5 साल में ‘स’ और ‘श’ का अंतर नहीं सीखा. लो हम सिखाते हैं- शाह का श, राजनाथ का र और बुड़बक बीजेपी का ब. बन गया शराबबंदी में धड़ल्ले से बिकता गुजराती शराब.’
धत! 5 साल में "स" और "श" का अंतर नहीं सीखा!
लो हम सिखाते हैं- शाह का श, राजनाथ का र और बुड़बक बीजेपी का ब! बन गया शराबबंदी में धड़ल्ले से बिकता गुजराती शराब! https://t.co/wDcSisAGJ9
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 28, 2019
इसी मामले में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज राय धुपचंडी ने अपने ट्वीट में एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि हिंदुस्तान को नशा मुक्त बनाना है. इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी के ‘न’ और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के ‘शा’ को मिलाते हुए दोनों नेताओं की जोड़ी को ‘नशा’ बताया गया है.
#23_मई_भाजपा_गई #MahaGathbandhan से #MahaParivartan @yadavakhilesh @samajwadiparty pic.twitter.com/s0ouKoyzRo
— Manoj Dhoopchandi (@manojdhopchandi) March 28, 2019
प्रधानमंत्री की ‘सराब’ पर सोशल मीडिया पर खूब चुटकियां ली जा रही हैं. लेखक रामकुमार सिंह ने ट्विटर पर ‘सराब’ का अर्थ साझा किया है. उन्होंने लिखा है, ‘जुमलेबाजी व तुकबंदी बेवकूफियों में आप शब्दों के सही अर्थ भी नहीं जानते आदरणीय मोदी जी. जिस सपा, रालोद और बसपा के पहले अक्षर मिलाकर आपने ‘सराब’ बनाया, वो ‘शराब’ नहीं है. आपके भाषण सुनकर भक्तों की मूर्खता भी समझ में आ जाती है, यथा राजा, तथा प्रजा.’
जुमलेबाजी व तुकबंदी बेवक़ूफ़ियों में आप शब्दों के सही अर्थ भी नहीं जानते आदरणीय मोदी जी। जिस सपा, रालोद और बसपा के पहले अक्षर मिलाकर आपने ‘सराब’ बनाया, वो ‘शराब’ नहीं है। आपके भाषण सुनकर भक्तों की मूर्खता भी समझ में आ जाती है, यथा राजा, तथा प्रजा। #सराब_और_शराब_में_फ़र्क़_होता_है pic.twitter.com/wOp306Ajql
— Ramkumar Singh (@indiark) March 28, 2019
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज मोदी जी: शोर नही बाबा सोर सोर सोर. शराब नही बाबा सराब सराब सराब.’
आज मोदीजी: शोर नही बाबा सोर सोर सोर।
शराब नही बाबा सराब सराब सराब । #ModiinMeerut
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) March 28, 2019