लोकसभा सांसद और दिग्गज कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए एक खुला खत लिखकर ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने मॉब लिंचिंग को लेकर 49 हस्तियों द्वारा पीएम मोदी को लिखे गए पत्र के बाद उनके खिलाफ बिहार में मामला दर्ज होने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें किसी की आलोचना करने का अधिकार देता है. ऐसे में किसी की आलोचना को देशद्रोह की तरह देखना या ऐसे करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करना गलत है.

गौरतलब है कि देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर जुलाई में कुछ वरिष्ठ लेखकों और फिल्मी हस्तियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस पर चिन्ता जताई थी. उसके बाद अभी हाल ही में उन सभी हस्तियों के खिलाफ बिहार में एक मामला दर्जज किया गया है. जिसको लेकर अब देश एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. कई बुद्धिजीवी वर्ग के लोग इन हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज होने की खिलाफत कर रहे हैं और इसके लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि इसमें केन्द्र सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.

लोकसभा सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए लिखा कि आपने साल 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत का संविधान एक पवित्र किताब है और ये यहां रहने वाले सभी नागरिकों को विश्वास की स्वतंत्रता, भाषण और सभी नागरिकों की समानता का अधिकार देता है. थरूर ने आगे कहा कि ऐसे में हम चाहते हैं कि भारत के नागरिक के रूप में हम आपके सामने राष्ट्र महत्व से जुड़ी बातें रख पाएं. ताकि आप उस पर कोई फैसला ले सकें. हमें उम्मीद करते हैं कि आप भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे ताकि ‘मन की बात’ ‘मौन की बात’ न बन जाए.

बता दें, कांग्रेस नेता शशि थरूर अपने ट्वीट और बयान के जरिये कभी केन्द्र सरकार की किसी नीति की तारीफ करते हैं तो कभी किसी की आलोचना. अभी हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा कर मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी. जानकारों ने इसे पी. चिदम्बरम के हश्र के बाद थरुर का अचानक से पीएम मोदी के प्रति जागा हुआ प्रेम बताया था.

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