PM मोदी को किसी ने बंधक बनाया था जो वो वहां से जान बचाकर निकले- टिकैत ने रखा किसानों का पक्ष

पीएम की सुरक्षा में चूक का मामला, किसान नेता राकेश टिकैत ने लगाए भाजपा और कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति के आरोप, किसानों का किया बचाव, किसान कर रहे थे प्रदर्शन लेकिन रास्ता नहीं रोकने नहीं बैठे थे, बिना प्रोग्राम के 120 किलोमीटर की सड़क यात्रा नहीं थी करनी, पीएम मोदी को किसी ने बंधक नहीं बनाया, पंजाब सरकार की ये जिम्मेदारी थी कि उन प्रदर्शनकारी किसानों से वह करती बातचीत

‘दोनों दल कर रहे हैं वोटबैंक की राजनीति’
‘दोनों दल कर रहे हैं वोटबैंक की राजनीति’

Politalks.News/PMModiSecurityLapse. देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में अब कुछ ही समय बचा है. अब कभी भी चुनावी तारीखों का एलान हो सकता है. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आगामी चुनाव के लिए एक बहुत ही बड़ा मुद्दा मिल गया है. पंजाब (Punjab) में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक (Laps Of PM’s Security) के बाद बीजेपी के तमाम दिग्गज इस मुद्दे को सिरे से भुनाने में लगे हैं और पंजाब सरकार और कांग्रेस (Congress) पर हमलवार है. तो वहीं कांग्रेस पार्टी भी लगातार बीजेपी के वार पर पलटवार कर रही है. इसी कड़ी में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बड़ा बयान देते हुए इस पूरी घटना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की मिलीभगत बताया. साथ ही टिकैत ने कहा कि, ‘पीएम मोदी को किसी ने बंधक बनाया था क्या जो वो वहां से जान बचाकर निकले, ऐसा तो कुछ हुआ भी नहीं.’

सूत्रों का कहना है कि BKU से जुड़े किसान नेताओं ने रोड पर जाम लगाया था. इधर पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया सामने आई है. पीएम की सुरक्षा में हुई चूक को उन्होंने निंदनीय बताया. राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए, जिसमें पंजाब सरकार के अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए कि उनके पास प्रधानमंत्री की सुरक्षा के क्या-क्या इंतजाम थे.’ टिकैत ने कहा कि, ‘राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि किसी पार्टी के नहीं होते वह देश के होते हैं.’

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इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘अगर पीएम का कहना है कि वह बचकर आ गए हैं तो वह वहां गए क्यों थे? किसानों का अपना पक्ष है. कल किसानों का हर जगह प्रदर्शन था लेकिन रास्ता रोकने का उनका कोई भी कार्यक्रम नहीं था. किसान थोड़े न प्रधानमंत्री का काफिला रोकने के लिए बैठे थे वह तो बस इत्तेफाक था. पीएम मोदी अब सहानूभुति बंटोरने में जुटे हैं.’ राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, ‘भाजपा कह रही है कि सुरक्षा में चूक हुई और कांग्रेस कह रही है कि रैली में आदमी ही नहीं थे. आम जनता का सवाल है कि 120 किमी की यात्रा प्रधानमंत्री को बगैर प्रोग्राम के नहीं करनी चाहिए थी.’

टिकैत ने यह भी कहा कि, ‘कल से मीडिया में चल रहा है कि पीएम मोदी की जान बच गई. जान बचाकर वहां से पीएम निकले… जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था. पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं हैं. पीएम मोदी को किसी ने बंधक नहीं बनाया.’ कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा कि, ‘पंजाब सरकार को बातचीत कर किसानों को हटाना चाहिए था लेकिन इन दोनों पार्टियों को तो चुनाव दिख रहे हैं. दोनों पार्टियों को सिर्फ वोट चाहिए. कांग्रेस कहती है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम में भीड़ नहीं थी और कुर्सियां खाली थीं, जिसकी वजह से पीएम मोदी लौट गए.’

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पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर टिकैत ने कहा कि, ‘पंजाब सरकार की ये जिम्मेदारी थी कि उन प्रदर्शनकारी किसानों से वह बातचीत करती और उन्हें वहां से हटाना चाहिए था. साथ ही पीएम मोदी को भी ऐसे ही एयरपोर्ट से निकलकर ये तय नहीं करना चाहिए था कि ऐसे ही बाय रोड चल दें. पंजाब सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने सियासी लाभ लेने के लिए ये काम किया है.’

क्या है पूरा मामला
यहां हम आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भटिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया. मगर, मौसम में सुधार नहीं होने पर यह तय किया गया कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करेंगे, जिसमें 2 घंटे से अधिक समय लगेगा.

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पंजाब पुलिस के महानिदेशक की ओर से आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े. लेकिन हुसैनीवाला से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था. इस कारण प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे. यह उनकी सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी. इस सुरक्षा चूक के बाद प्रधानमंत्री को भटिंडा हवाईअड्डे पर वापस ले जाने का निर्णय लिया गया.’

 

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