बंगाली वेशभूषा में असम का गमछा डालकर पुडुचेरी व केरल की नर्स से स्वदेशी टीका लगवाया पीएम मोदी ने

सियासत करना कोई पीएम मोदी से सीखे, टीका लगवाकर विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों में से चार राज्यों को एक साधा जबकि एक दिन पहले की तमिलनाडु के 'मन की बात', वहीं स्वदेशी वैक्सीन लगवाकर विरोधियों का मुंह किया बन्द

सियासत करना कोई पीएम मोदी से सीखे
सियासत करना कोई पीएम मोदी से सीखे

Politalks.News/Bharat. कब, क्या, कहां और किस प्रकार से अपने आप को प्रजेंट करना है, अगर यह किसी को सीखना है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीखा जा सकता है. पीएम मोदी अपनी इस सियासी कला से ही देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोकप्रिय नेताओं में शुमार हैं. यही नहीं पीएम मोदी द्वारा किसी काम के लिए किए गए समय के चयन से भी लोग चौंक जाते हैं. ऐसा ही कुछ पिछले दो दिनों में यानी रविवार और सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. आज सुबह-सुबह बिना रूट के दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया और साथ ही देश में कोविड-19 वैक्सिनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत भी की. वहीं एक दिन पहले पीएम मोदी ने रेडियो पर की तमिलनाडु के मन की बात. इस तरह पीएम मोदी ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ स्वदेशी वैक्सीन को लेकर विरोधियों को जवाब देते हुए एक तीर से कई निशाने साधे.

स्वदेशी वैक्सीन लगवाकर विरोधियों का मुंह किया बन्द

हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाना एक साधारण बात थी. लेकिन पीएम मोदी ने वैक्सीन का यह टीका लगवा कर अपने आप को सियासत के सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया. सबसे बड़ा संदेश तो उन विपक्षी नेताओं को दिया जो इस भारत में बनी इस स्वदेशी वैक्सीन पर सवाल उठा रहे थे और पीएम मोदी टीका कब लगवाएंगे, का शोर मचा रहे थे. कई नेताओं ने तो यहां तक कह दिया था कि पहले प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वैक्सीन लगवाएं, फिर हम लगाएंगे. पीएम मोदी ने स्वदेशी यानी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का डोज लगवाया, जिसे लेकर विपक्ष से लेकर सोशल मीडिया तक में लोग सवाल उठा रहे थे. विपक्ष द्वारा इस वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने पर काफी सवाल खड़े किए गए थे, इतना ही नहीं विपक्ष लगातार बयानबाजी कर रहा था कि पीएम मोदी ब्रिटेन और अन्य राष्ट्राध्यक्षों की तरह खुले में वैक्सीन लें तांकि लोगों में एक अच्छा संदेश जा सके. आज वैक्सिनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत में पीएम मोदी ने पहली डोज लगवाकर अपने विरोधियों का मुंह बंद कर दिया.

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विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों में से चार राज्यों को एक साधा जबकि एक दिन पहले की तमिलनाडु के ‘मन की बात’

अब बात करेंगे पीएम मोदी द्वारा आज लगवाए गए कोरोना के टीके के जरिए पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर साधने की. दो दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में बैठे-बैठे ही असम, पुडुचेरी, केरल, बंगाल और तमिलनाडु को साधने का प्रयास किया. सबसे पहले रविवार को पीएम मोदी ने अपने प्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात‘ में तमिल भाषा को अभी तक न सीख पाने का ‘दर्द छलकाया‘. यही नहीं रेडियो कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, ‘तमिल भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है और मेरे अंदर यही कमी रह गई है कि मैं इस भाषा में पारंगत नहीं हो सका‘. चुनावी बेला में प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल भाषा पर अपना प्रेम दिखाकर तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की लहर बनाने की कोशिश की. अब आपको बताते हैं कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे दिन सोमवार सुबह कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगवा कर असम, पुडुचेरी, केरल और बंगाल के लोगों को भी साधने की कोशिश की.

बंगाली वेशभूषा में असम का गमछा डालकर पुडुचेरी और केरल की नर्स से लगवाया कोरोना का टीका

सोमवार सुबह दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस का टीका लगवाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार राज्यों को एक फ्रेम में समेट दिया और साथ ही एक बड़ा चुनावी सन्देश भी दे दिया कि इन राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर बीजेपी की कितनी दूरगामी तैयारी है. टीकाकरण के दौरान पीएम मोदी ने बंगाल की वेशभूषा धारण की हुई थी, जिस पर असम के गमछा अपने गले मे डाला हुआ था. यही नहीं पीएम मोदी ने पुडुचेरी की रहने वाली सिस्टर पी निवेदा से टीका लगवाया. इस दौरान उनके साथ केरल की एक नर्स भी खड़े रही. टिका लगवाने के बाद पीएम मोदी द्वारा ट्वीट की गई इस तस्वीर ने सुधीजनों को समझा दिया कि स्वदेशी वैक्सीन लेने के साथ-साथ पीएम मोदी ने इन चुनावी राज्यों को एक संदेश भी दे दिया है. पीएम मोदी को कोरोना वैक्सीन देने वालीं सिस्टर पी. निवेदा ने बताया कि, ‘पीएम मोदी को भारत बायोटेक की को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई है. दूसरी डोज 28 दिन बाद दी जाएगी.’

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आपको बता दें, पीएम मोदी के गले में नजर आया यह गमछा असम की महिलाओं की तरफ से आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है. गौरतलब है कि असम के विधानसभा चुनाव में इस बार विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सीएए विरोधी संदेशों लिखे 50 लाख असमिया गमछा इकट्ठा करने का लक्ष्य बनाया है. हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी असम की एक जनसभा में असमिया गमछा पहने नजर आए थे, जिस पर एंटी ‘सीएए’ संदेश लिखे हुए थे. फिलहाल असम में भाजपा की सरकार है. पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा असम की सत्ता में भाजपा की सरकार की वापसी के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं.

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