हाल ही में विधानसभा में बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक पेज पुराने भाषण के पढ़ने के मामले पर जारी है सियासत, इसी कड़ी में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने दौसा पधारे प्रधानमंत्री मोदी ने भी जमकर मजे लिए घटना पर, पीएम मोदी ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए कहा- बजट सत्र में जो हुआ उसकी चर्चा है चारों ओर, मुझे बहुत साल पहले की एक घटना आती है याद, जब मैं संघ के करता था काम, संघ परिवारों में ही करता था भोजन, एक दिन जब मै प्रवास करके लौटा था तो एक व्यक्ति ने कहा कि भोजन किया क्या, मैंने कहा नहीं, फिर उस व्यक्ति ने कहा कि चलो चलते हैं एक शादी में, हम वहाँ पहुँचे तो कोई शादी नहीं थी, जहाँ गए थे लोग अपना काम कर रहे थे, उसने कहा शादी तो पिछले साल ही हो गई थी, दरअसल हमारा साथी भुलक्कड़ था उसने वापस कार्ड निकाला तो पता चला, उसी दिन की पिछले साल की थी शादी तो, और हम वहां से बिना खाना खाये आए वापस, खैर इस बात का राजस्थान से नहीं है कोई लेना देना, मुझे पुरानी बात याद आई तो सोचा बता दूं आपको, मैं मानता हूं गलती किसी से भी हो सकती है लेकिन इससे यह भी पता चलता है की कांग्रेस के पास ना ही विजन है ओर ना ही उसकी बातों में रह गया है कोई वजन, कांग्रेस के लिए बजट की घोषणाएं होती है कागजों में लिखने के लिए, इन्हें लागू करने का नहीं होता है कांग्रेस का कोई इरादा, सवाल ये नहीं है की कौनसा वाला बजट पढा, सवाल यह है की पहले वाला जब पढ़ा था, साल भर उसको डिब्बे में बंद कर रखा था जिसके कारण यह हुआ, अब राजस्थान को ऐसी सरकार और ऐसी अनिश्चितता से चाहिए मुक्ति, अब राजस्थान को चाहिए स्थिर ओर विकास वाली सरकार, तभी राजस्थान में स्थपित हो पाएगा कानून का राज, आज मैं राजस्थान में देख रहा हूं डबल इंजन की सरकार के लिए उत्साह, चारो तरफ मुझे दिखाई द्व रहा है यही उत्साह