Politalks.News/NewDelhi. राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए पिछले दिनों से मचे ऑक्सीजन के लिए हाहाकार के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली की दो करोड़ जनता के लिए सख्त लहजे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बोल रहे थे. लेकिन केजरीवाल की एक गलती की वजह से खुद ही अपनी ‘किरकिरी‘ करा बैठे. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों की आपातकाल बुलाई. बैठक में मुख्यमंत्री केजरीवाल पूरे ‘प्लान‘ के साथ आए. बता दें कि वर्चुअल रैली के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी 10 राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ जिस वक्त मुख्यमंत्री केजरीवाल बात कर रहे थे उस समय ‘लाइव टेलीकास्ट‘ भी हो रहा था. केजरीवाल अपनी बात को ‘चुपके से रिकॉर्ड‘ कर लाइव कर रहे थे. केजरीवाल को लगा कि पीएम मोदी को इसका अंदाजा नहीं है, लेकिन जब पीएम ने उनकी ‘होशियारी‘ पकड़ ली तो केजरीवाल ‘आवाक‘ रह गए. दिल्ली के सीएम ने शायद सोचा था कि बैठक खत्म होने तक पीएम को पता नहीं चलेगा. हालांकि भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल ने इस बारे में पीएम मोदी को तुरंत सूचित किया गया. इसके बाद इस महत्वपूर्ण बैठक का दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा लाइव टेलीकास्ट कर दिए जाने पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सियासत शुरू हो गई है.
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यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीएम मोदी से कही गई अपनी बातें न केवल रिकॉर्ड कर लीं बल्कि इसे लीक भी कर दिया. मीटिंग के दौरान ही पीएम मोदी ने केजरीवाल को टोकते हुए कहा कि, ‘एक मिनट, एक बात मैं कहना चाहूंगा कि हमारी जो परंपरा है, हमारे जो प्रोटोकॉल है, ये उसके खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी इनहाउस मीटिंग को लाइव टेलिकास्ट करे. ये उचित नहीं है, हमें हमेशा संयम पालन करना चाहिए‘. इस पर केजरीवाल ने माना की उनसे गलती हो गई है. सीएम केजरीवाल ने पीएम से कहा, ‘ठीक है सर इसका ध्यान रखेंगे आगे से. अगर सर मेरी तरफ से कोई गुस्ताखी हुई है, मैंने कुछ कठोर बोल दिया, या मेरे आचरण में कोई गलती है, तो उसके लिए मैं माफी चाहता हूं.’ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने के बाद भी भाजपा और दिल्ली सरकार के बीच एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया हैै.
दिल्ली की बिगड़ती स्थिति पर पूरा ठीकरा केंद्र सरकार पर मढ़ना चाहते थे- केजरीवाल
दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए मची मारामारी और मरीजों की उखड़ती सांसों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसका पूरा ठीकरा केंद्र सरकार पर मढ़ना चाहते थे. लेकिन केंद्र सरकार भी मुख्यमंत्री केजरीवाल के ‘सियासी दांव‘ को पहले से ही जान रही थी. ऐसे में भाजपा ने कहा है कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की पूरी बैठक का इस्तेमाल ‘ओछी राजनीति‘ के लिए किया है. भाजपा ने कहा कि केजरीवाल को पता है कि केंद्र सरकार वैक्सीन अपने पास नहीं रखती है. यही नहीं दिल्ली में केजरीवाल ने टीकों के दाम पर भी झूठ फैलाया. भाजपा सरकार के इन आरोपों के बाद दिल्ली मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी सफाई दी है.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि सीएम अरविंद केजरीवाल के संबोधन को लाइव साझा किया गया क्योंकि केंद्रीय सरकार की ओर से कभी कोई निर्देश, लिखित या मौखिक नहीं आया है कि उक्त बातचीत को लाइव साझा नहीं किया जा सकता है. समान बातचीत के कई मौके आए हैं जहां सार्वजनिक महत्व के मामले जिन्हें कोई गोपनीय जानकारी साझा नहीं की गई थी. हालांकि अगर कोई असुविधा हुई तो हमें बहुत अफसोस है.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के मुद्दे को उठाया और स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय योजना होने की आवश्यकता को प्रधानमंत्री मोदी के सामने फरियाद की. कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए, जिसमें उन्होंने दिल्ली में चल रही ऑक्सीजन की किल्लत का मामला उठाया. लेकिन केजरीवाल द्वारा बैठक का लाइव प्रसारण करने पर पूरे देश के सामने अपनी ही फजीहत करा बैठे हैं.