Friday, January 17, 2025
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‘मोदी बायोपिक’ रिलीज पर रोक बरकरार, चुनाव आयोग ने बताया ‘हैजियोग्राफी’

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लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता की कड़ाई से पालना को लेकर निर्वाचन आयोग का कड़ा रूख देखा जा रहा है. नेताओं के विवादित बयानों पर सख्ती दिखाने के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी पर आधारित वेब सीरीज पर भी आयोग की गाज गिर चुकी है. इसके अलावा विवेक ओबरॉय स्टारर पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज भी फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने बायोपिक देखकर इसे ‘हैजियोग्राफी’ दिया है और मतदान तक रिलीज पर रोक बरकरार रखी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए रिलीज पर रोक बरकरार रखी गई है. गौरतलब है कि पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन विभाग को पीएम नरेंद्र मोदी पर आधारित अभिनेता विवेक ओबरॉय अभिनीत फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ देखने को कहा था. जिस पर बीते 17 अप्रैल को निर्वाचन आयोग ने यह बायोपिक देखने के बाद 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में अपना फैसला सौंपा है. सूत्रों के अनुसार आयोग ने चुनाव समाप्ति के बाद ही इस फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी पर आधारित यह फिल्म अब देश में 19 मई को लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ही रिलीज हो सकेगी. जिसके बाद अब निर्देशक ओमंग कुमार द्वारा डायरेक्ट की गई इस बायोपिक मूवी की रिलीज ठंडे बस्ते में चली गई है. अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट में लिखा गया है कि, यह ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म बायोग्राफी से ज्यादा एक हैजियोग्राफी (जिसमें किसी संत का गुणगान किया गया हो) है. फिल्म की रिलीज चुनावी संतुलन को बिगाड़ेगी, बीजेपी को फायदा पहुंचेगा. जिसके बाद अब इस फिल्म की रिलीज टल गई है.

इसके अलावा आयोग की रिपोर्ट में लिखा है- ”फिल्म में नरेंद्र मोदी का करेक्टर साफ तौर पर स्पष्ट है. कई सीन्स ऐसे हैं जिमसें विपक्ष को भ्रष्ट और गलत रोशनी में दिखाया गया है. उनके नेताओं को इस तरह पेश किया गया है कि उनकी असली पहचान साफ तौर पर जाहिर होती है. इस पर कमेटी के विचार में आचार संहिता की अवधि के दौरान फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की पब्लिक स्क्रीनिंग विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाएगी. इसलिए फिल्म को 19 मई से पहले रिलीज होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.”

बता दें कि चुनाव आयोग की कमेटी के मुताबिक 135 मिनट की यह ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ एक राजनीतिक माहौल बनाती है. फिल्म में एक शख्स को सीन्स, स्लोगन और सिंबल के माध्यम से बहुत बड़े पद पर खड़ा करती है. फिल्म अंत में एक खास शख्स को संत का दर्जा देती है. गौरतलब है कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म पहले 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी. लेकिन अब चुनाव आयोग के अंतिम फैसले के बाद दर्शकों को पीएम मोदी की इस बायोपिक के लिए चुनाव खत्म होने तक का तो इंतजार करना ही पड़ेगा.

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