अलवर दौरे के दौरान फिर दिखा पायलट का क्रेज, कोरोना की परवाह किए बिना देखने उमड़ी बेहिसाब भीड़

सचिन पायलट के साथ बांदीकुई से जीआर खटना, दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा और बयाना के विधायक अमरसिंह साथ रहे, हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चल रही अदावत का असर यहां भी देखने को मिला जिसके चलते अलवर जिले का कोई विधायक इस दौरान वहां नजर नहीं आया

कोरोना की परवाह किए बिना पायलट को देखने उमड़ी बेहिसाब भीड़
कोरोना की परवाह किए बिना पायलट को देखने उमड़ी बेहिसाब भीड़

Politalks.News/Rajasthan. कोरोना की दूसरी लहर के लगभग खत्म सा हो जाने के बाद प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट रविवार को दौसा से होते हुए अलवर के खेड़ली के निकट समूची गांव में शहीद हुए सैनिक के घर पहुंचे. यहां उनके परिवार के लोगों से मिले और सैनिक को श्रद्धांजलि दी. सैनिक परिवार के घर से सचिन पायलट दोपहर करीब साढ़े 12 बजे बाद सीधे राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा के पिनान स्थित घर पहुंचे. आपको बता दें, विधायक जौहरी लाल मीणा की पत्नी पांची देवी का दो दिन पहले ही निधन हुआ था. पायलट ने जौहरी लाल मीणा के आवास पहुंच कर परिवार को ढांढस बंधाया और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

आपको बता दें, सैनिक परिवार के घर जाने से पहले सचिन पायलट कठूमर विधायक बाबूलाल बैरवा के आवास गए. यहां विधायक बैरवा की कुशलक्षेम पूछने के बाद विधायक के बेटे के साथ सचिन पायलट सैनिक के घर पहुंचे थे. इस दौरान पायलट से मिलने और देखने वाले लोगों की बेहिसाब भीड़ वहां जुट गई. कोरोना की परवाह किए बिना लोग अपने नेता को देखने उमड़ पड़े.

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आपको बता दें, जयपुर से रवाना होकर अलवर पहुंचने के बीच मे सचिन पायलट का जगह-जगह पर जोरदार स्वागत किया गया. अतिउत्साही लोगों को देख सचिन पायलट को भी कई जगहों पर गाड़ी रोककर उनका अभिवादन स्वीकार करना पड़ा. इस दौरान सचिन पायलट के साथ बांदीकुई से जीआर खटना, दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा और बयाना के विधायक अमरसिंह साथ रहे. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चल रही अदावत का असर यहां भी देखने को मिला जिसके चलते अलवर जिले का कोई विधायक इस दौरान वहां नजर नहीं आया.

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आपको बता दें, सैनिक के परिवार के लोगों से मिलने पहुंचे सचिन पायलट को सैनिक के परिवार के लोगों ने ज्ञापन देकर सैनिक को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग की. इसके अलावा स्कूल का नाम सैनिक के नाम पर रखने की भी मांग की. इस ज्ञापन को सचिन पायलट ने अलवर कलेक्टर को मार्क कर भिजवा दिया. इस मौके पर सचिन पायलट ने किसी तरह का राजनीतिक बयान नहीं दिया. पायलट ने यही कहा कि वे कठूमर के समूची गांव में सैनिक को श्रद्धांजलि देने आए थे. परिवार की मांग को सरकार तक पहुंचाएंगे ताकि सैनिक को शहीद का दर्जा मिल सके. परिवार के साथ खड़े हैं. किसी भी तरह की सहायता की जरूरत पड़ी तो मदद करेंगे.

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