पॉलिटॉक्स ब्यूरो. कोटा के जेके लोन अस्पताल में शनिवार को एक और बच्चे की मौत के बाद पिछले 34 दिनों में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 107 पहुंच गया है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ सचिन पायलट आज कोटा अस्पताल का दौरा करने पहुंचे. पायलट ने बच्चों की मौत पर गहरा दुःख जताया, कहा- इतने बच्च्चों की मौत की यह पीडा असहनीय है, मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत आहत हूँ और इस पीड़ा को बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. वहीं मुख्यमंत्री गहलोत और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा पर निशाना साधते हुए सचिन पायलट ने कहा हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी.
सचिन पायलट ने अपनी ही गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा मेरा मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम पर सरकार का जो रोल रहा है वो संतोषजनक नहीं है. पायलट ने बिना नाम लिये मंत्री रघु शर्मा को माकूल जवाब देते हुए कहा- हमें मौत के आंकड़ों में उलझना नहीं चाहिए. पहले क्या हुआ, पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने क्या किया, कितने पैसे सेंक्शन किये, नहीं किये इसका रोना छोडकर लोगों में विश्वास जमाना होगा, जिम्मेदारी तय करनी होगी. पायलट ने बड़ा बयान देते हुए कहा, वसुंधरा जी की सरकार को लोगों ने हरा दिया है और हमारी सरकार को बने हुए एक साल हो गया, अब बच्चों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी बनती है.
सचिन पायलट के इस बयान की बीजेपी के दिग्गज और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने तारीफ करते हुए कहा कि, इस सरकार को शासन में लाने के लिए जितोड़ मेहनत करने वाले सचिन पायलट ने पूरी सवेंदनशीलता के साथ आज कोटा अस्पताल का दौरा किया है और उनका यह कहना की जवाबदेही तय होनी चाहिए थी इस सरकार की कलई खुल रही है. अगर जवाबदेही पहले ही तय हो जाती तो इतना बवाल ही नहीं होता.
बता दें, कोटा जेके लोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर बढ़ते बवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री गहलोत के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की थी. जानकारों की मानें तो आलाकमान के निर्देश पर ही सचिन पायलट आज कोटा पहुंचे और कई मृत बच्चों के परिवारों से मिले. पिछले एक सप्ताह से पायलट राज्य से बाहर अपने परिवार के साथ व्यस्त थे. शनिवार सुबह मुम्बई से जयपुर लौटे और थोड़ी देर बाद ही सड़क मार्ग से कोटा के लिए रवाना हो गए.
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गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब तक कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा 107 पहुंच चुका है. वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राजस्थान सरकार को नोटिस भी जारी किया है.