Politalks.News/Rajasthan. विधानसभा में एससी-एसटी और माइनॉरिटी के विधायकों को बिना माइक वाली सीट देने और सरकार की बैकबोन माने जाने वाले इन विधायकों के साथ भेदभाव व अनदेखी को लेकर अपनी ही गहलोत सरकार पर आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री और करौली से कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए अपनी बात पर कायम रहने की बात दोहराई. मीणा ने कहा कि, ‘मैं अपनी बात पर पूरी तरह से कायम हूँ, ST SC, OBC, माइनॉरिटी के लिए में अपनी बात
राहुल गांधी जी से मिलकर उनके समक्ष रखूंगा और वहां भी सुनवाई ना होने पर में इस्तीफा देने से भी पीछे नही हटूँगा, इन वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव ही मुद्दा और खबर है.’
दरअसल, शनिवार देर शाम कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि कांग्रेस के पूर्व मंत्री रमेश मीणा के एससी-एसटी विधायकों से भेदभाव के बयान को लेकर प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान में प्रियंका गांधी सक्रिय हो गई हैं और प्रियंका गांधी के दफ्तर ने इस पूरे प्रकरण में राजस्थान कांग्रेस से रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि इस मामले में बयान देने वाले पायलट समर्थक तीनों विधायकों के तेवर नरम पड़ गए हैं.
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जिसके अनुसार विधायक रमेश मीणा के समर्थन में बयान देने वाले एसटी विधायक मुरारी मीना व एससी विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि, ‘न ताे उनकी नाराजगी सीएम गहलाेत से है और न ही कांग्रेस से, सिर्फ सरकार के कुछ मंत्रियाें से नाराजगी है. उधर, विधायक रमेश मीना ने कहा कि पिछले साल प्रियंका गांधी से जब पायलट व उनके समर्थक विधायकों की बात हुई थी तो उन्होंने भरोसा दिया था कि हमारी समस्याओं का जल्द समाधान होगा, पर अब तक नहीं हुआ. वहीं विधायक रमेश मीणा न कहा- राहुल गांधी को चिट्ठी नहीं लिखी थी, उनके दफ्तर में फोन किया था, उन्हें कहा गया है कि अभी राहुल गांधी लोगों से नहीं मिल रहे.
इसके बाद आज रविवार को रमेश मीणा ने उक्त मीडिया रिपोर्ट्स के जवाब में एक ट्वीट करते हुए दुबारा कहा कि मैं अपनी बात पर कायम हूं और सुनवाई नहीं हुई तो दे दूंगा इस्तीफा.