Politalks.News/Rajasthan. कोरोना संकटकाल के बीच प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद गर्माई सियासत पर अब राजनीतिक बयानबाज़ी का दौर जारी है. स्व0 राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर पीसीसी पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जहां कहा कि हेमाराम जी का इस्तीफा देना पार्टी के लिए चिंता की बात है तो वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जो इस्तीफा आया है उसमें नाराजगी वाली कोई बात नहीं है, केवल एक लाइन का इस्तीफा है. यही नहीं डोटासरा ने यह भी कहा कि हेमाराम चौधरी ने वर्षों तक कांग्रेस को सींचा है, तो कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें बहुत कुछ दिया है, कांग्रेस ने हेमाराम चौधरी को बहुत से पदों से नवाजा है.
विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे को लेकर आगे नियमों के सवाल के जवाब में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नियम तो अब विधानसभा स्पीकर को देखने हैं, मेरे नियम देखने से कुछ नहीं होने वाला, लेकिन वे बहुत वरिष्ठ और सम्मानीय नेता हैं, उनका मान-सम्मान सरकार और पार्टी में रहेगा. वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वर्षों तक पार्टी की सेवा की है. मेरी उनसे दो बार बात हो चुकी है. उनके कामों की या सुनवाई नहीं होने की जो भी कमी-खामी रही होगी, वह हमारी ड्यूटी में आता है कि उनकी सुनवाई हो. सरकार हमारी है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी है. उनके विकास के मामले में कोई कमी है तो हम सम्मान के साथ उनके काम करवाएंगे. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण सरकार बनी है उसमें सबका सम्मान होना चाहिए और यह हम इंश्योर करेंगे. डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी भी गंभीर हैं कि जनप्रतिनिधि की आशा-अपेक्षा के हिसाब से काम हों.
यह भी पढ़ें: महामारी से लड़ाई अभी लड़नी होगी लंबी, अब देश में शुरू हुई ‘ब्लैक-व्हाइट फंगस’ की बड़ी चुनौती
हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को सचिन पायलट द्वारा चिंताजनक बताने के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि एक भी कार्यकर्ता अगर पार्टी से नाराज होता है तो वह किसी भी पार्टी के लिए चिंताजनक होता है. दावे से कह सकता हूं किसी भी कार्यकर्ता के मान-सम्मान में कमी नहीं रहेगी. मेरा मानना है कि हर कार्यकर्ता की आशा और अपेक्षा के अनुरूप होने वाले काम होने चाहिए.
वहीं, पायलट गुट के चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी की ओर से राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर उठाए गए सवाल पर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी हर कार्यकर्ता और नेता का सम्मान करती है, लेकिन कार्यकर्ता हो या जनप्रतिनिधि सभी को पार्टी के मान मर्यादाओं का भी ध्यान रखना चाहिए.
इसके साथ ही बाड़मेर कलेक्टर द्वारा हेमाराम चौधरी का फोन नहीं उठाने से बढ़ी नाराजगी को लेकर डोटासरा ने कहा कि जहां तक बाड़मेर कलेक्टर के हेमाराम चौधरी का फोन नहीं उठाने वाली बात है, उसका भी समाधान हो गया है. मैंने खुद बाड़मेर कलेक्टर से फोन पर बात करके उन्हें उलाहना दिया है. कलेक्टर ने बताया कि जिस दिन हेमारामजी ने फोन किया वे ताऊ ते तूफान से पहले राहत बचाव की तैयारियों का जायजा लेने में व्यस्त थे. इसलिए फोन नहीं उठा पाए. बाड़मेर कलेक्टर ने बाद में रात 10 बजे हेमाराम चौधरी से फोन पर बात कर ली है.
यह भी पढ़े:- राजस्थान में लॉकडाउन के सुखद परिणाम, वैक्सीन के लिए गहलोत सरकार ने जारी किया ग्लोबल टेंडर
इतने वरिष्ठ और ईमानदार विधायक का इस्तीफा देना चिंता का विषय
वहीं, पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को लेकर चिंता जाहिर की. पायलट ने कहा कि हेमाराम चौधरी पार्टी के वरिष्ठ 6 बार के विधायक के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष,कई बार मंत्री रहे हैं. उनका इस्तीफा पार्टी के लिए चिंताजनक है. पायलट ने कहा कि उनके जैसे ईमानदार और सादगी का नेता शायद ही कांग्रेस में कोई और हो, राजस्थान की राजनीति और पार्टी में उनका बड़ा योगदान रहा है. पायलट ने कहा कि इतने बड़े नेता ने अगर इस्तीफा दिया है तो यह चिंता का विषय है. इसी दौरान पीसीसी कार्यालय के बाहर पायलट ने पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ वर्तमान सियासी घटनाक्रम को लेकर कुछ देर मंत्रणा भी की.