कृषि कानूनों को पूरी तरह खारिज करने के पक्ष में नहीं पवार, बोले- ‘विवादित भाग में हो संशोधन’: केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन, कृषि कानूनों को लेकर सियासत भी है जारी, NCP सुप्रीमो शरद पवार से पूछा गया कि क्या किसानों की मांग को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में प्रस्ताव लाएगी? सवाल के जवाब में देश के पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा- ‘पूरे बिल को खारिज कर देने के बजाए हम उस भाग में संशोधन कर सकते हैं जिसे लेकर किसानों को है आपत्ति, महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का एक समूह केंद्र से पारित कृषि कानून के अलग-अलग पहलुओं का कर रहा है अध्ययन, इस कानून से संबंधित सभी पक्षों से विचार करने के बाद ही इसे लाया जाएगा विधानसभा पटल पर’, पवार ने कहा- ‘राज्यों को अपने यहां इस कानून को पास करने से पहले इसके विवादित पहलुओं पर करना चाहिए विचार तभी लेना चाहिए कोई फैसला’, पवार ने कहा- ‘उन्हें नहीं लगता है कि महाराष्ट्र के दो दिनों के सत्र में ये आ पाएगा’. एनसीपी अध्यक्ष ने कहा- ‘यदि ये आता है तो इस पर विचार किया जाना चाहिए, कृषि कानूनों पर केंद्र से पुनर्विचार की मांग कर चुके’, शरद पवार ने एक बार फिर कहा कि- ‘किसान पिछले 7 महीने से कर रहे हैं प्रदर्शन, डेडलॉक तोड़कर केंद्र को पहल करते हुए किसानों से करनी चाहिए बातचीत’