पार्वथानेनी हरीश की जीवनी (Parvathaneni Harish Biography in Hindi)
Parvathaneni Harish Latest News – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस वर्ष के जुलाई माह में पाकिस्तान अध्यक्षता कर रहा है. ऐसे में उसके निशाने पर सीधे तौर पर भारत है. पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि सहित कश्मीर के मुद्दों को UNSC में उठाना चाहा. इस पर भारत के स्थायी राजदूत पी हरीश ने पाकिस्तान की जमकर फटकार लगाई. उन्होंने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में डाटते हुए कहा कि एक ओर परिपक्क लोकतंत्र, उभरती अर्थव्यस्था और समावेशी समाज है तो वही दूसरी ओर कट्टरता और आतंकवाद में लिप्त पाकिस्तान है, जो आईएमएफ के कर्ज में चल रहा है. उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार को फटकारते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए. आतंक को लेकर पाकिस्तान की जो नीति रही है, वह दुनिया के सामने है. पी हरीश सितंबर 2024 से संयुक्त राष्ट्र न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं. इस लेख में हम आपको भारतीय राजनयिक पार्वथानेनी हरीश की जीवनी (Parvathaneni Harish Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
पार्वथानेनी हरीश की शिक्षा (Parvathaneni Harish Education)
पार्वथानेनी हरीश ने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्वर्ण पदक के साथ स्नातक किया. इससे पहले हरीश ने कोलकाता के भारतीय प्रबंधन संस्थान में अध्ययन किया. उन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ़ काहिरा से अरबी का भी अध्ययन किया है.
पार्वथानेनी हरीश का करियर (Parvathaneni Harish Career)
पी हरीश 1990 बैच के आईएफएस ऑफिसर है. उन्होंने इसी वर्ष भारतीय विदेश सेवा की परीक्षा उर्त्तीण की और आईएफएस में शामिल हो गए. उन्होंने काहिरा (मिस्र) और रियाद (सऊदी अरब) स्थित भारतीय दूतावासों में काम किया और फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण, गाजा में भारत के प्रतिनिधि रहे. उन्होंने विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया और विदेश प्रचार प्रभागों में भी काम किया.
हरीश 2007 में भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के संयुक्त सचिव और विशेष कार्य अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए थे. वे इस पद पर लगातार 2012 तक रहे. इसके बाद उन्होंने जुलाई 2012 से लेकर मार्च 2016 तक अमरीका के ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत के रूप में कार्य किया.
इसके बाद हरीश वर्ष 2016 में वियतनाम में भारत के राजदूत नियुक्त हुए. वे वहां 2019 तक कार्यरत रहे. वियतनाम में उनके कार्यकाल के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को एक उच्च स्तर पर पहुंचाने की रणनीतिक पर बेहतर कार्यं हुआ.
बाद में, नवंबर 2021 में उनकी नियुक्ति जर्मनी में भारत के राजदूत के रूप में हुई. हरीश के डिप्लोमैट रहते दोनों देशों की सरकारों के बीच संबंध मजबूत करने में बल मिला. अपने कार्यकाल में उन्होंने व्यापार एवं उद्योग को शामिल करते हुए एक हरित और सतत विकास को मजबूती दी.
इससे पहले हरीश भारत के विदेश मंत्रालय में अतिरक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे. विदेश सचिव रहते हुए हरीश ने विदेश मंत्रालय के आर्थिक कूटनीति प्रभाग का नेतृत्व किया. भारत के अन्य देशो के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबधो की निगरानी और उसकी समीक्षा का भार इसी मत्रालय के पास होता है.
पी हरीश ने अपने कार्यकाल के दौरान संबंधित देशो के बीच बहुपक्षीय आर्थिक संबंध का नेतृत्व किया. उन्होंने जी20, जी7, ब्रिक्स जिसमें भारत, रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल है, एवं आईबीएएस जिसमें भारत, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका शामिल है, के लिए संयुक्त रूप से भारतीय सूस शेरपा बने. हरीश काहिरा व रियाद में भारतीय मिशनों में तथा फिलिस्तीनी प्राधिकरण में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर भी काम कर चुके है.
इसी के बाद हरीश को यूएन में भारत का स्थायी प्रतिनिधि (राजदूत) नियुक्त किया गया. जून 2024 में रुचिरा कंबोज के रिटायर होने के बाद से यह पद रिक्त था. रुचिरा कंबोज 21 जून 2022 को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत/स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त हुई थी, जो जून 2024 में सेवानृवित्त हो गई थी. फिर इसी रिक्त पद पर हरीश को 1 सितंबर 2024 से संयुक्त राष्ट्र न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का कार्यभार दिया गया. तब से लेकर वह अब तक पार्वथानेनी हरीश संयुक्त राष्ट्र न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी प्रतिनिधि (राजदूत) के रूप में कार्यरत हैं.
वर्तमान में, पार्वथानेनी हरीश संयुक्त राष्ट्र (UN), न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी प्रतिनिधि (राजदूत) हैं.
इस लेख में हमने आपको भारतीय राजनयिक पार्वथानेनी हरीश की जीवनी (Parvathaneni Harish Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























