Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि समय, धन एवं संसाधनों की बचत के लिए आईटी आधारित एवं पेपरलैस गवर्नेन्स आज के समय की जरूरत है. इसलिए सभी विभाग नवाचार करते हुए पेपरलैस सिस्टम की दिशा में आगे बढ़ें, इससे न केवल संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन का संकल्प साकार होगा, बल्कि आमजन को भी बेहतर सर्विस डिलीवरी हो सकेगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने वीसी के माध्यम से वित्त विभाग द्वारा एनआईसी के सहयोग से तैयार की गई ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पेंशन एवं लेखा प्रणाली के सरलीकरण के लिए तैयार किये गए ई-पेंशन तथा ई-लेखा सिस्टम से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को जटिलता भरी औपचारिकताओं से निजात मिलेगी और पेंशन स्वीकृति के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. सीएम ने कहा इससे समय की बचत होगी तथा 30 से 35 साल तक सेवा कर रिटायर होने वाले कार्मिकों को मानसिक शांति मिलेगी. साथ ही, कार्मिकों के वेतन, मेडिकल, यात्रा आदि बिलों, संवेदकों के भुगतान सहित अन्य लेखा कार्याें में सुगमता होगी.
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सीएम गहलोत ने कहा कि वित्तीय अनुशासन, विकास परियोजनाओं की मॉनिटरिंग, सरकारी काम-काज में मितव्ययता, कुशलता एवं समय की दृष्टि से आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है. इसे देखते हुए आईटी विभाग अपने तकनीकी रूप से दक्ष कार्मिकों की एक ऐसी टीम तैयार करे, जो सरकार की तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप सॉफ्टवेयर एवं प्रोग्राम बना सके. इसके लिए हमें किसी बाहरी कम्पनी पर निर्भर नहीं रहना पड़े.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि कोविड-19 की चुनौती के बावजूद राज्य सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन करते हुए विकास परियोजनाओं को गति दी है. सीएम गहलोत ने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा कि वित्तीय प्रबंधन को लगातार मजबूत बनाया जाए. ऐसे प्रयास किए जाएं जिससे ऑवरड्राफ्ट की स्थिति पैदा ना हो. साथ ही राजस्व लगातार बढ़े और लीकेज न हो.