पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र बीजेपी का समय अभी भी खराब ही चल रहा है. जैसा कि पहले से कयास लगाया जा रहा था कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रही पंकजा मुंडे (Pankja Munde) अपने पिता गोपिनाथ मुंडे की जयंती पर कुछ बड़ा करने वाली हैं, तो पंकजा मुंडे ने बड़ा इशारा देते हुए कहा कि मैं पार्टी नहीं छोडूंगी, पार्टी चाहे तो निकाल दे. साथ ही उन्होंने नई पार्टी बनाने के संकेत भी यहां दिए, कहा- नई पार्टी के बारे में भविष्य में सोचेंगे. बता दें, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद से पंकजा मुंडे ने प्रदेश भाजपा नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
महाराष्ट्र सरकार में पूर्व केबिनेट मंत्री रही पंकजा मुंडे (Pankja Munde) ने गुरुवार को बीड जिले के पराली विधानसभा क्षेत्र में अपने पिता और बीजेपी के संस्थापक दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर एक रैली का आयोजन किया. पंकजा के साथ अपनी पार्टी से नाराज चल रहे एकनाथ खडसे भी बराबर से खड़े नजर आए. वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी और महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी गोपीनाथ मुंडे की जयंती के वक्त स्टेज पर मौजूद रहे.
बीड जिले के पराली में आयोजित इस रैली में देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए एकनाथ खड़से (Eknath Khadse) ने कहा, ‘आज मैं भारतीय जनता पार्टी में हूं और मुझसे कहा गया है इसलिए मैं पार्टी के खिलाफ नहीं बोलूंगा. लेकिन मैं पार्टी के नेताओं के खिलाफ बोल सकता हूं. जिन्होंने मीठी बातें करके अपनों के ही पीठ में खंजर घोंप दिया. मैं बताना चाहता हूं कि प्रदेश में शीर्ष पदों पर बैठे पार्टी के नेता अच्छे नहीं हैं. पंकजा मुंडे को बीजेपी के नेताओं ने ही हराया है. हालांकि, पंकजा मुंडे इस्तीफा नहीं देंगी, लेकिन मैं अपने बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं.’ एकनाथ खडसे ने आगे कहा, ‘मैंने ऐसा कौनसा गुनाह कर दिया जिससे मेरा टिकट काट दिया गया. ना चोरी की और ना ही भ्रष्टाचार किया. जो मेरे साथ आज पार्टी में हुआ है, वो पंकजा ताई के साथ भी हो सकता है. मैं पंकजा मुंडे के साथ खड़ा हूं. पार्टी के बड़े नेता आजकल बीजेपी में घुटन महसूस कर रहे हैं.’
यह भी पढ़ें: CAB के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी की अनुपस्थिति बनी चर्चा का विषय, क्या सब परिस्थितिजन्य या फिर कुछ और?
एकनाथ खडसे ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे ने जीवनभर संघर्ष करके पार्टी को खड़ा किया. वो साफ बोलते थे कि मैंने किसी के साथ गलत नहीं किया और ना ही कर सकता. लेकिन कुछ लोगों के पीठ में छुरा घोंप कर लोग मुख्यमंत्री बन गए. जिन गोपीनाथ मुंडे ने बीजेपी को खड़ा करने में इतनी मेहनत की उनकी ही बेटी पंकजा मुंडे को कुछ लोगों ने संघर्ष करने में मजबूर कर दिया है. गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद मैंने उनके स्मारक के लिए उस वक्त मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. फिर जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने स्मारक के लिए तत्काल प्रस्ताव को पास कर दिया.
अपने विधानसभा क्षेत्र पराली में रैली को सम्बोधित करते हुए पंकजा मुंडे (Pankja Munde) ने कहा, ‘गोपीनाथ मुंडे भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी उन्हें लोग कितना चाहते हैं यह आज समझ आ रहा है. मेरी चुनाव में हार हुई है पर लोगों का प्यार आज भी मेरे साथ है. मुझे छोटी-मोटी चिल्लर हार नहीं झुका सकती है. पंकजा मुंडे ने आगे कहा, ‘एक दिसंबर को मैंने अपने पोस्ट में लिखा था कि प्रथम राष्ट्र, द्वितीय पार्टी और तृतीय मैं. तो कैसे उन लोगों ने यह सोच लिया कि मैंने धोखा करने वाली हूं, आज 12 दिसंबर है. मैं क्या कदम उठा रही हूं यह सब देख रहे हैं. लोग मेरे बारे में सूत्रों के हवाले से खबरें चला रहे थे, इतने ही अच्छे लोगों के सूत्र थे तो किसी को यह पता क्यों नहीं लगा कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शपथ लेने वाले हैं.‘
पंकजा (Pankja Munde) ने कहा, ‘मीडिया में भी यह बात चलाई गई कि मैं पार्टी छोड़ने वाली हूं. जैसे नाथा भाऊ (एकनाथ खडसे) ने बोला कि हमें पार्टी के दरवाजे से ही बाहर निकालने की कोशिश हो रही है तो हम क्या करें आखिर. यह अफवाह उड़ाई गई कि मैंने अलग पार्टी बनाऊंगी. पार्टी के ही लोग मुझे गुनहगार बताने लगे. एक वक्त लाल कृष्ण आडवानी, नितिन गडकरी, गोपीनाथ मुंडे बीजेपी को चलाते थे. लेकिन उनके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पार्टी की कमान संभाले हुए हैं. यह तो एक प्रक्रिया है, नए लोग आएंगे और बदलते जाएंगे. पार्टी एक व्यक्ति की नहीं है.
यह भी पढ़ें: राजनीति के असली चाणक्य साबित हुए ‘शरद पवार’ प्रधानमंत्री बनने के थे दावेदार
पंकजा मुंडे (Pankja Munde) ने आगे कहा, ‘लोग मेरे साथ हैं. मैंने संघर्ष यात्रा निकाली और मेरे साथ लोग खड़े रहे. चुनाव के वक्त मैंने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव प्रचार किया. हर विधायक के प्रचार के लिए गई ताकि महाराष्ट्र में सरकार बन सके, लेकिन उन लोगों को लगा कि मैं धोखा करने वाली हूं. मेरे अंदर गोपीनाथ मुंडे के संस्कार है. मैं किसी को धोखा नहीं देती हूं. उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों के हाथ में अब पार्टी आ गई है. इस पार्टी को सभी लोगों की पार्टी बनाना है ना कि कुछ लोगों की. आज मैं कोर कमेटी की सदस्य तक नहीं हूं. मुझे कोई पद की अपेक्षा भी नहीं है.
इस दौरान देवेन्द्र फडणवीस के खास माने जाने वाले चंद्रकांत पाटिल के स्टेज पर आते ही लोगों ने हूटिंग करना शुरू कर दिया था. इस पर पंकजा मुंडे सीट से उठीं और लोगों से आग्रह किया कि जब चंद्रकांत पाटिल बोलेंगे तो कोई हूटिंग नहीं करेगा. वो जो बोलेंगे उन्हें सुनना है. एकनाथ खड़से के आरोपों पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल बोले कि पंकजा निराश हैं, लेकिन हम उनको मनाएंगे. बीजेपी में हर नेता एक परिवार का हिस्सा है. मैं समझ सकता हूं कि एकनाथ खड़से नाराज हैं, हमने उनकी बेटी को विधानसभा चुनाव में भी टिकट दिया था पर चुनाव के नतीजे हमारे मुताबिक नहीं आए.’ उन्होंने कहा, ‘मैं वादा करता हूं कि हर शिकायत का हल हम निकालेंगे और नाराजगी दूर की जाएगी. घर की लड़ाई घर में होनी चाहिए उसे सड़क पर नहीं लाना चाहिए.’