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मध्यप्रदेश में गठबंधन सरकार की गद्दी पर बैठे मुख्यमंत्री कमलनाथ की परेशानी उस समय बढ़ गई जब अपनी ही सरकार से नाराज एक विधायक ने उन्हें इस्तीफा थमा दिया. थार जिले के धरमपुरी सीट से कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा पार्टी की सरकार होने के बावजूद सुनवाई न होने से नाराज हैं. उन्होंने अपनी जान खतरे में होेने बात भी कही है. इसके बाद प्रदेश में सियासत फिर से गरमा गई है और भाजपा पूरी तरह एक्शन में है.

नाराज विधायक को मनाने के लिए दो मंत्रियों ने पांचीालाल मेड़ा से बात की है. दरअसल विधायक शराब माफिया के खिलाफ कार्यवाही न होने से व्यथिथ हैं. उन्होंने के प्रदेश सरकार पर शराब माफिया की सरकार चलाने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे एक पत्र में विधायक पांचीलाल मेड़ा ने कहा है कि शराब माफियाओं की वजह से पुलिस ने उन्हें 4 घंटे तक थाने में रखा.

साथ ही शराब ठेकेदार और एक अन्य व्यक्ति पर अभद्र व्यवहार करने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया.  पत्र में उन्होंने लिखा कि पार्टी की सरकार होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा भी इस बारे में कोई सहयोग नहीं मिला. उन्होंने इलाके से शराब की दुकान और आरोपियों सहित अतिरिक्त जिला अधिकारी राधेश्याम रॉय को हटाने की मांग की. उन्होंने दोषियों पर कार्यवाही करने अथवा इस्तीफा मंजूर करने के बारे में भी कहा है.

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दूसरी ओर, शराब ठेकेदार और उसकी पत्नी ने विधायक और उनके कार्यकर्ताओं पर अपहरण, मारपीट और 20 लाख रुपये फिरौती मांगने का आरोप लगाया है. वहीं विधायक का कहना है कि क्षेत्र में ठेकेदार द्वारा गांव व आसपास के होटलों में शराब भेजी जा रही है जिसकी शिकायतें लोगों से आ रही हैं. इस बारे में विधायक के प्रतिनिधि अनिल आर्य ने शराब ठेकेदार को फोन पर हिदायत दी और गांव-गांव शराब का विक्रय न करने को कहा. इस पर शराब की दुकान पर काम करने वाले फूलबदन सिंह ने धमकी देते हुए गाली गलौच की. इस मामले के बाद विधायक ने अपनी ही सरकार पर नाराज होकर मुख्यमंत्री से अपने इस्तीफे की पेशकश की है. मामले को उग्र होता देख भाजपा ने प्रदेश में शराब माफिया की सरकार चलने के आरोप लगाए हैं.

बता दें कि हाल ही में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में गठबंधन सरकार का गठन हुआ है. 230 सीटों पर हुए चुनावों में कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 सीटें मिली हैं. बसपा की दो सीटों की बदौलत कमलनाथ राज्य में सरकार बनाने में कामयाब हो हुए. ऐसे में कांग्रेस किसी भी विधायक को खोना नहीं चाहेगी. लोकसभा चुनाव के इस समय में पार्टी के विधायक के इस्तीफे कीे पेशकश से कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ेंगी, इस बात में कोई संशय नहीं है. इस संबंध में कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और खाद्य मंत्री प्रद्मुम्न सिंह तोमर आनन-फानन में विधायक विश्राम गृह पहुंचे और पांचीलाल को मनाने की कोशिश की. दोनों मेड़ा को लेकर सीएम कमलनाथ से मिलवाने के लिए रवाना हुए हैं.

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