अलवर के बहरोड़ में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए पहलू खान और हाल में आए अलवर कोर्ट के फैसले पर अब राजनीति शुरू हो गयी है. पहलू खान मामले में एडीजे कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. मॉब लिंचिंग को लेकर राज्य में किसी कोर्ट का पहला फैसला है. अब इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. वहीं प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को उछाला है.

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सोशल मीडिया पर मायावती ने लिखा, ‘राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहां की निचली अदालत से बरी हो गए. यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहां की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं.’


गौरतबल है कि एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूह मेवात जिले के जयसिंहपुरा गांव निवासी पहलू खान अपने बेटों के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से गौवंश लेकर अलवर जा रहा था. बहरोड़ में गौतस्करी के संदेह के चलते कुछ लोगों ने पहलू खान की जमकर पिटाई की जिसमें पहलू खान गंभीर रूप से घायल हो गया. 4 अप्रैल को अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इस केस में जो वीडियो पेश किया गया था, उसमें आरोपियों के चेहरे साफ तौर पर नहीं दिखायी दे रहे थे. ऐसे में जज सरिता स्वामी ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभा देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया.

पहलू खान पर अलवर एडीजे के फैसले के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बयान में कहा कि पहलू खान को न्याय दिलाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. सरकार एडीजे के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया.

वहीं पीड़ितों के वकील योगेंद्र सिंह खड़ाना ने भी इशारा किया था कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद इसका अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की. प्रियंका गांधी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है. हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है.’

उन्होंने गहलोत सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग कानून बनाए जाने की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है. आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा.

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