राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में पिछली वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पिछली सरकार की भूमिका की जांच करवाने की बात कही. तो उधर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि एक तरफ गहलोत सरकार पहलू खान मामले की दोबारा जांच करा रही है वहीं, दूसरी तरफ अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में एक्शन नहीं ले रही है.
सीएम अशोक गहलोत ने रविवार को अपने वर्तमान कार्यकाल में पहली बार सीएम आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सीएम गहलोत ने पत्रकारों से वार्ता शुरू करते हुए कहा कि जो बजट हमने इस बार पेश किया है और बजट के बाद जो घोषणाएं हमनें कीं उन घोषणाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए रविवार को सीएमओ में एक मीटिंग की ताकि समय से घोषणाएं पूरी हो सके.
सीएम गहलोत ने बताया कि बजट पेश करना एक बात है और जो वादे जनता से किए जाते हैं उनको इंप्लीमेंट करवाना अलग बात है. आज की मीटिंग में हमने फाइनेंस डिपार्टमेंट से इस पर चर्चा की है, जिससे बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत आये तो वो दूर की जा सके.
पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम गहलोत ने बताया कि हम बार स्व0 राजीव गांधी जी की 75वी जयंती मना रहे हैं. अपने बजट भाषण में मैंने कहा था कि हम साल भर राजीव गांधी की जयंती को मनाएंगे, और इसकी शुरुआत कल जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम से होने जा रही है.
स्व0 राजीव गांधी के बारे में सीएम गहलोत ने बताया कि उनके समय कई ऐतिहासिक काम हुए थे, संविधान संशोधन हुआ, उसके बाद में पंचायत चुनाव टाइम पर होने लगे, आईटी के क्षेत्र में जो मिशन उन्होंने बनाया उसी का परिणाम है की आज हम मोबाइल फोन, इंटरनेट, कंप्यूटर आदि सेवाओं का लाभ ले पा रहे हैं. युवाओ को 18 वर्ष की उम्र में मतदान का अधिकार दिया. इस प्रकार से यह सब बड़े फैसले राजीव गांधी की ही देन थी. ये सभी फैसले उन्होंने देश की नई पीढ़ी और नए भारत के लिए लिए थे, ताकि विकसित राष्ट्रों के सामने भारत खड़ा हो सके.
आगे अपनी वार्ता को जारी रखते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ने जो काम किये थे उनको लेकर हमने तय किया है कि पूरे साल भर उनके द्वारा किए गए कामों को, उनकी सोच को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जिसकी शुरुआत कल से की जाएगी.
बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले पर गहलोत ने पिछली वसुंधरा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस केस को लेकर बहुत ज्यादा चर्चाये हुईं और होना स्वाभाविक भी था. इस केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार की लापरवाही इस केस में पिछली सरकार ने की वो कोई सोच ही नहीं सकता. पिछली सरकार की लापरवाही के कारण संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने सभी मुजरिमों को बरी कर दिया. जो कमी पिछली सरकार में इस केस में रह गयी उनको दूर करने के लिए हमने एसआईटी का गठन किया है
सीएम गहलोत ने कहा कि हमने आज एक और फैसला किया है, हिनीयस क्राइम जो प्रदेश में होते है उनके लिए अलग से मॉनिटरिंग सेल बनाई जाएगी. पहलू खान मामले पर फिर से बोलते हुए गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार में यह केस 4 बार बदला गया, तीन आईओ बदले गए चौथे आईओ ने केस का चालान पेश किया.
पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर सीएम गहलोत ने सवाल करते हुए कहा कि यह एक गंभीर केस था फिर भी वसुंधरा सरकार द्वारा क्यो बार-बार आईओ बदले गए. इसी कारण से आरोपियों को संदेह का लाभ मिला और आरोपियों को बरी किया गया है. क्योंकि ना तो मुजरिमों की शिनाख्त करवाई ओर ना ही वो कैमरा जप्त किया गया जिससे वीडियोग्राफी की गई थी और ना ही जिसने वीडियोग्राफी करी उसको गवाह बनाया गया. इस प्रकार से ओर भी बहुत खामियां इस केस में रहीं हैं. इसी वजह से हमने इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है.
कानून व्यवस्था पर बोलते हुए गहलोत ने कहा की हमनें प्रदेश में एफआईआर दर्ज करना आवश्यक कर दिया है, जो की देश में कहीं और नहीं है. गहलोत ने विश्वास जताते हुए कहा कि इससे प्रदेश में क्राइम की संख्या घटेगी. इससे भी बढ़कर क्राइम की संख्या घटने की बजाय लोगों को राहत मिलना ज्यादा आवश्यक है. इसलिए हमने एफआईआर दर्ज करना आवश्यक कर दिया है. इसके लिए हमने एसपी ऑफिस में भी एफआईआर दर्ज करने की शुरुआत की है.
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दैनिक अखबार से बातचीत में कहा कि सरकार वर्ग विशेष के लिए काम कर रही है. गहलोत सरकार एक तरफ तो मॉब लिंचिंग के लिए कानून बना रही है, पहलू खान मामले की दोबारा जांच करा रही है वहीं, दूसरी तरफ अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में एक्शन नहीं ले रही है.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं और सरकार के दिमाग में वोट और जातियां भरी हुई हैं. अलवर के ही हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में दूसरा पक्ष मेव समाज था, इसलिए गहलोत सरकार इसे मॉब लिंचिंग नहीं मान रही. लेकिन पहलू खान मामले में सामने वाला हिंदू है, इस वजह से यह मॉब लिंचिंग हो गई. कांग्रेस की यह हालत मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण ही हुई है.