‘फिर से बापू की हत्या नहीं होने देंगे’ कहकर विपक्ष ने निकाली CAA-NRC के विरोध में ‘गांधी शांति यात्रा’

वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने की विरोध मार्च की अगुवाई, शरद पवार भी हुए शामिल, कहा- सरकार की दमनशाही को गांधीजी की अहिंसा देंगे जवाब

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का जमकर विरोध हो रहा है. विपक्ष इन मुद्दों पर पूरी तरह से एकजुट है. CAA-NRC के विरोध में मुंबई में ‘गांधी शांति यात्रा’ निकाली जा रही है जिसकी शुरुआत गुरुवार को हुई. इस शांति मार्च में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण जैसे कई बड़े नेता शामिल हुए. गांधी शांति यात्रा को महाराष्ट्र के परिवर्तनवादी विचारधारा के नेताओं ने मुम्बई के गेटवे ऑफ इंडिया से हरी झंडी दिखाई गई. इस मौके पर शांति मार्च के अगुवा यशवंत सिन्हा ने ‘फिर से बापू की हत्या नहीं होने देंगे’ की बात कही.

सीएए और एनआरसी के विरोध में निकाली जा रही गांधी यात्रा को मुम्बई के गेटवे ऑफ इंडिया से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. यह यात्रा 21 दिन की होगी. गांधी शांति यात्रा ​मुंबई से रवाना होकर राजस्थान, उप्र, हरियाणा होते हुए राजधानी दिल्ली पहुंचेगी. 3000 किमी.लंबी ये यात्रा 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर पहुंच समाप्त होगी.

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गांधी यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बाद बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha)
ने कहा, ‘देशभर में सीएए और एनआरसी पर विरोध हो रहा है लेकिन सरकार नहीं सुन रही. हम देश में एक बार फिर से से महात्मा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे’. सिन्हा ने कहा कि हमारी यात्रा एनआरसी और सीएए के विरोध में है. राज्य सरकारों ने जो हिंसा की, उसके खिलाफ है. रास्ते में हम लोगों से बात करेंगे. अंबेडकरजी के संविधान की रक्षा करेंगे. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों जैसा बनाने का दावा किया था, लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं कि अब पूरा देश ही कश्मीर बन गया है।

इस मौके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने शांति मार्च को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में जो परिस्थिति निर्माण हुई है, उस पर जनता केंद्र सरकार से नाराज हैं. लोग भारी संख्या में सडकों पर उतर रहे है. इन लोगों को सही राह दिखाने की आवश्यकता है. महात्मा गांधीजी का अहिंसा का मार्ग ही वह राह है जिससे हम संविधान बचा सकते है. पवार ने कहा कि देश में छिड़े इस आंदोलन को शांतता के मार्ग की जरूरत है.

उन्होंने यशवंत सिंह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि वे इस राह पर चल पड़े है. शांतिपूर्ण ढंग से यात्रा में शामिल होकर अपने विचार सरकार के सामने रखना इसका एकमात्र उद्देश्य है. सरकार की दमनशाही को गांधीजी की अहिंसा हमें जबाव देना है.

गांधी शांति यात्रा में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध तो किया ही जाएगा, साथ ही किसान मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा. इनके अलावा, देश की चरमराती अर्थव्यवस्था पर भी सरकार से सवाल पूछे जाएंगे. इस दौरान जज लोया की संदिग्ध मौत का मुद्दे भी उठाया जाएगा.

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