भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सरकार ने सेना प्रमुख को ‘टेरिटोरियल आर्मी’ बुलाने का दिया विशेषाधिकार, इस अधिकार के तहत सेना प्रमुख टेरिटोरियल आर्मी के हर अफसर और जवान को अपनी जरूरत के मुताबिक लगा सकते है किसी भी मिशन में, सेना प्रमुख इनसे किसी भी तरह का काम करा सकता है जो आर्मी चाहती हो, आर्मी की सामान्य मदद के लिए भी किया जा सकता है इनको तैनात, टेरिटोरियल रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत रक्षा मंत्रालय ने लिया है यह फैसला, ऑफिशियल नोटिफिकेशन भी किया गया जारी, ऐसे में क्रिकेट फैंस और राजनीति के दिग्गज नेताओं के समर्थकों के मन में उठ रहा सवाल कि अगर पड़ोसी देश के साथ जंग हुई तो एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर और सचिन पायलट जो टेरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, क्या ये भी जंग में जाएंगे? (बता दें, कई बड़ी हस्तियां टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं, जैसे- कपिल देव, महेंद्र सिंह धोनी, शूटर अभिनव बिंद्रा, राजनेता अनुराग ठाकुर व सचिन पायलट)
क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, उन्हें 2011 में इस सम्मान से सम्मानित किया गया था और वो यह गौरव पाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे, उन्होंने पैराशूट रेजिमेंट के साथ बुनियादी ट्रेनिंग भी पूरा की और एक योग्य पैराट्रूपर हैं
सचिन पायलट (कप्तान): कांग्रेस के प्रमुख नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रादेशिक सेना में हैं नियमित कमीशंड अधिकारी, 2012 में कमीशन प्राप्त करने वाले पायलट पहले केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्होंने प्रादेशिक सेना में नियमित अधिकारी के रूप में सेवा की। उनके पिता, स्वर्गीय राजेश पायलट, और दादा भी सैन्य पृष्ठभूमि से थे, जिससे उनकी यह सेवा एक पारिवारिक विरासत का हिस्सा बन गई है।