लोकसभा चुनाव-2024 में एनडीए को मात देने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा बनाया गया ‘इंडिया’ गठबंधन एक बार फिर सुर्खियों में है. वजह – मानसून सत्र शुरू होने से पहले गठबंधन की बैठक, जिसका 19 जुलाई को दिल्ली में होना प्रस्तावित है. यह महाबैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास पर होनी है. इस बैठक में देश के तमाम विपक्षी दल, जो गठबंधन से जुड़े थे, उन सभी के आने की उम्मीद है. फिलहाल तृणमूल कांग्रेस ने आने में असहमति दिखाई है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मना रही है, इसलिए उसके नेता कोलकाता में बिजी रहेंगे. हालांकि आम आदमी पार्टी ने इस बैठक से किनारा कर लिया है. आप का मानना है कि अब दोनों के रास्ते पूरी तरह से अलग हो चुके हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी ‘एकला चालो’ की रणनीति पर काम कर रही है.
इस कहानी में ये भी स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी गुजरात सहित अन्य राज्यों में अपने विस्तार अभियान में जुटी है. ऐसे में आप ने कांग्रेस से कई राज्यों में सीधी लड़ाई का रास्ता चुना है. पार्टी का कहना है कि गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित था. उस वक्त भी आप ने कांग्रेस के साथ केवल दिल्ली में गठबंधन किया था, जहां दोनों ही पार्टियों का खाता तक नहीं खुल पाया था. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों में आप और कांग्रेस दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ा था.
एक साल पहले हुई अंतिम बैठक
इंडिया ब्लॉक बनने के बाद अब तक इसकी 6 बैठकें हुई हैं. पहली बैठक 23 जून, 2023 को पटना में हुई थी. इसे नीतीश कुमार ने बुलाया था. बाद में नीतीश इंडिया ब्लॉक छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए थे. इसके बाद गठबंधन की आखिरी बैठक 1 जून, 2024 को हुई थी. हालांकि इस गठबंधन के बाद भी सभी दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़े, ऐसा नहीं था. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी ने भी कांग्रेस और बीजेपी से कड़ी टक्कर ली. इसके बाद से ही गठबंधन में पेंच आने लगा था.
इंडिया ब्लॅक को मिली थी 234 सीटें
लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक को कुल 234 सीटें मिली हैं. इसमें कांग्रेस की 99, समाजवादी पार्टी की 37 और तृणमूल कांग्रेस की 29 सीटें शामिल हैं. हालांकि यह गठबंधन बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से दूर रह गया लेकिन इससे बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की उम्मीद को गहरा धक्का लगा. बाद में एनडीए ने केंद्र में अपनी सरकार बनायी. वहीं महाराष्ट्र चुनाव में इंडिया ब्लॉक को कांग्रेस लीड कर रही थी. विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) की 288 में से सिर्फ 45 सीटें आईं जबकि महायुति को 230 सीटें मिलीं. अब यह गठबंधन एकजुट होकर बिहार में मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को लेकर सदन में घमासान मचाने की तैयारी कर रहा है.



























